Crime: पीड़िता ने बताया कि उसकी 'मां' के नाम से बने सोशल मीडिया अकाउंट से उसके पास उसकी वह आपत्तिजनक तस्वीर भेजी गई, जो उसने किसी के साथ भी साझा नहीं किया था।
Crime: डिजिटल युग में सोशल मीडिया जहां संचार का अहम साधन बन गया है, वहीं इसके जरिए होने वाले अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। मुंबई पुलिस के पास हाल ही में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला पहुंचा है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही एक 23 साल की भारतीय युवती को साइबर स्टॉकिंग और ब्लैकमेल का शिकार बनाया गया। पवई पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता फिलहाल उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में रह रही है। इसी साल फरवरी महीने में उसे स्नैपचैट पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट प्राप्त हुई। चौंकाने वाली बात यह थी कि इस अकाउंट पर उसकी मां का नाम और तस्वीर लगी हुई थी। यह मानकर कि यह वास्तव में उसकी मां का अकाउंट है, युवती ने बिना संदेह किए अनुरोध स्वीकार कर लिया। शुरुआती दिनों में अकाउंट से सामान्य बातचीत हुई, लेकिन धीरे-धीरे संदेशों का लहजा बदलने लगा। कुछ ही समय बाद उस अकाउंट से आपत्तिजनक मैसेज आने लगे। इसके साथ ही युवती को यह धमकी भी दी गई कि उसकी निजी और आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी जाएंगी।
पीड़िता को तब गहरा संदेह हुआ जब उस फर्जी अकाउंट से उसे उसकी ही एक आपत्तिजनक तस्वीर भेजी गई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह तस्वीर ऐसी थी जिसे युवती ने पहले कभी किसी के साथ साझा नहीं किया था। इसी से साफ हुआ कि आरोपी किसी न किसी तकनीकी तरीके से उसकी निजी तस्वीरों तक पहुंच बना चुका है। घबराई हुई युवती ने तुरंत अपनी मां को इसकी जानकारी दी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता की मां ने मुंबई लौटकर पवई पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354(डी) (साइबर स्टॉकिंग) और आईटी एक्ट की धारा 66(सी) (पहचान की चोरी) के तहत केस दर्ज किया है। पवई पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने IANS को बताया “आरोपी ने युवती को उसकी अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने और परिवारजनों को भेजने की धमकी दी थी। यह एक गंभीर मामला है और इसे प्राथमिकता के आधार पर जांचा जा रहा है।”
पुलिस ने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए साइबर क्राइम विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। फिलहाल पुलिस आरोपी का इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) एड्रेस ट्रेस करने की प्रक्रिया में जुटी है। अधिकारियों का मानना है कि आरोपी भारत में भी हो सकता है या विदेश से भी काम कर रहा हो सकता है, इसलिए जांच में समय लग सकता है।
मुंबई पुलिस ने आम जनता को सतर्क करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी अकाउंट को बिना सत्यापन स्वीकार न करें, चाहे वह किसी परिचित का ही क्यों न लगे। पुलिस के मुताबिक अपराधी अक्सर करीबी रिश्तेदारों या दोस्तों के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर लोगों का विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें ब्लैकमेल करने लगते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर स्टॉकिंग और ब्लैकमेलिंग के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। कई बार पीड़ित शर्म या डर के कारण शिकायत दर्ज नहीं कराते, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़ता है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की सलाह है कि निजी तस्वीरें या जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर साझा करने से बचना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए। फिलहाल पवई पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और आरोपी को पकड़ने के लिए विभिन्न साइबर टीमों की मदद ले रही है।