Shalarth ID Scam: शिक्षकों के भर्ती से संबंधित शालार्थ आईडी घोटाले की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। फर्जी शालार्थ आईडी घोटाले में अब तक कई अधिकारियों, मुख्याध्यापकों और शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया है।
Teacher Recruitment Scam: महाराष्ट्र के नागपुर में शालार्थ आईडी घोटाला (Shalarth ID Scam) अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े करीब साढ़े पांच सौ शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार साइबर सेल और विशेष जांच दल (SIT) इन शिक्षकों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। इस खबर से शैक्षणिक हलकों में हलचल मच गई है।
नागपुर डिविजन में सामने आया यह फर्जी शालार्थ आईडी घोटाला पिछले कई महीनों से चर्चा में है। मामले में पहले ही कई अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है। पुलिस ने शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। जब यह मामला राज्य विधानसभा के सत्र में उठा तो सरकार ने इसकी गहन जांच के आदेश दिए।
बताया जा रहा है कि पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्रकुमार सिंगल की पहल के बाद इस बड़े घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुईं। जांच की जिम्मेदारी पुलिस उपायुक्त नित्यानंद झा को सौंपी गई थी। उनकी कार्रवाई के दौरान अब तक 17 मुख्याध्यापक, शिक्षकों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस मामले में सबसे पहले मुख्य मास्टरमाइंड नीलेश वाघमारे के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ और फिर जांच आगे बढ़ते ही कुल 12 आरोपियों को पकड़ा गया। इनमें पूर्व उपसंचालक, शिक्षा अधिकारी, कर्मचारी, संस्थाचालक, मुख्याध्यापक और कई शिक्षक शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया कि करीब साढ़े छह सौ शालार्थ आईडी फर्जी तरीके से बनाई गई थीं।
आरोप है कि फर्जी शालार्थ आईडी बनाकर नियमों के विरुद्ध उन शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन दिया गया, जो उस पद के पात्र ही नहीं थे। इसी आरोप में वेतन अधीक्षक नीलेश वाघमारे को अप्रैल महीने में निलंबित किया गया था। लेकिन जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद वह फरार हो गया था। आखिर चार महीने बाद अगस्त में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इस फर्जीवाड़े से सरकार को लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात भी सामने आई है। अब पुलिस विभाग करीब 550 और शिक्षकों की गिरफ्तारी की तैयारी कर रहा है। इस खबर ने नागपुर में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।