
Teacher (File)
महाराष्ट्र में फेक शालार्थ आईडी बनाकर फर्जी तरीके से शिक्षक भर्ती करने के बड़े घोटाले (Teacher recruitment scam) का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। यह दल नागपुर के साथ मुंबई, नासिक, जलगांव और मराठवाड़ा के बीड व लातूर जिलों में हुई शिक्षक भर्तियों की पड़ताल करेगा।
नागपुर में हाल ही में सामने आए शिक्षक भर्ती घोटाला में अपात्र शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के नाम शालार्थ प्रणाली में शामिल कर उन्हें वेतन दिया गया था। फर्जी आईडी के जरिए भर्ती घोटाले में शामिल शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की अध्यक्षता पुणे के विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार कर रहे हैं, जबकि पुलिस महानिरीक्षक मनोज शर्मा और शिक्षा आयुक्तालय के सहसंचालक हारुण आतार भी एसआईटी का हिस्सा हैं। एसआईटी को तीन महीने में सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी। जांच 2012 से अब तक की सभी भर्तियों, मान्यताओं, सेवा की निरंतरता और विना-अनुदानित से अनुदानित पदों पर हुई बदली तक फैली होगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी विभागीय शिक्षा उपसंचालक कार्यालयों के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की 2012 से अब तक की सभी व्यक्तिगत मान्यता, शालार्थ मान्यता, सेवा निरंतरता तथा बिना अनुदानित से अनुदानित पद पर हुई बदली की जांच एसआईटी द्वारा की जाएगी।
इसी बीच, राज्य के शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। आज 8 अगस्त से विभाग के एक हजार से अधिक राजपत्रित अधिकारियों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया है। अधिकारी संघ का दावा है कि शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक और वेतन अधीक्षक समेत एक हजार अधिकारी इस विरोध में शामिल होंगे।
अब देखना यह होगा कि तीन महीने में एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद महाराष्ट्र में शिक्षा विभाग और शिक्षक भर्ती व्यवस्था में क्या बदलाव होते हैं, क्योंकि इस घोटाले ने मुंबई सहित कई जिलों की हजारों भर्तियों को जांच के दायरे में ला दिया है।
Updated on:
08 Aug 2025 10:28 am
Published on:
08 Aug 2025 10:27 am
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