Mumbai News: सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने जब परिजनों से इलाज और दवाओं के बारे में पूछा तो पता चला कि मृतक को गलत इंजेक्शन दिया गया था।
मुंबई के चेंबूर इलाके (Chembur News) से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक ऑटो रिक्शा चालक की मौत एक फर्जी डॉक्टर की लापरवाही के कारण हो गई। मृतक की पहचान नानटुन झा के तौर पर हुई है, जो परिवार के साथ मुंबई उपनगर के चेंबूर इलाके में रहते थे और रिक्शा चलाकर घर का गुजारा करते थे।
मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को झा को दांत में तेज दर्द हुआ। वे इलाज के लिए लायंस क्लब ऑफ चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल गए, जहां डॉक्टर ने उनका दांत निकाला और दवा देकर घर भेज दिया। लेकिन अगले ही दिन उनके गाल में सूजन और दर्द बढ़ गया। जब वे दोबारा अस्पताल पहुंचे तो वह बंद था। इसलिए वह मजबूरी में पास ही स्थित ओम क्लिनिक गए, जहां रमेश विश्वकर्मा नाम के डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन और दवाइयां दीं। इसके बाद झा घर लौट आये।
लेकिन इलाज के बाद भी उनकी हालत बिगड़ती गई। सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन उन्हें दोबारा विश्वकर्मा के पास ले गए। जहां हालत गंभीर होने के चलते बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। इसके बाद आनन-फानन में परिजन नानटुन झा को लेकर बीएमसी के सायन अस्पताल भागे, जहां पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
परिजनों का कहना है कि भर्ती करने से पहले ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शुरुआती जांच में पता चला कि झा को गलत इंजेक्शन लगाया गया था। इसको लेकर परिजनों ने जब विश्वकर्मा से सवाल किए तो उसने गोलमोल जवाब दिया। इसके बाद मृतक की पत्नी ने बीएमसी और चुनाभट्टी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद खुलासा हुआ कि रमेश विश्वकर्मा बिना किसी मेडिकल डिग्री या वैध प्रमाणपत्र के क्लीनिक चला रहा था।
इस मामले में चुनाभट्टी पुलिस स्टेशन ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 106(1), 318 और महाराष्ट्र मेडिकल अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि, अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।