Uddhav Thackeray on Waqf Bill : शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि वक्फ विधेयक का विरोध करके उद्धव ठाकरे ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। वक्फ संशोधन विधेयक को गुरुवार को लोकसभा की मंजूरी मिल गई, जबकि राज्यसभा में इस पर बहस जारी है।
Maharashtra Politics : लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वह और उनकी पार्टी वक्फ विधेयक के खिलाफ नहीं है। बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, हम वक्फ बिल के खिलाफ नहीं है, बल्कि बीजेपी के ढोंग और भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वह ये जमीनें अपने कब्जे में लेकर अपने दोस्तों को देना चाहते हैं। ठाकरे ने कहा कि अगर बीजेपी आज मुसलमानों की जमीन चाहती है तो कल उसे हिंदू, सिख और ईसाइयों की जमीन भी चाहिए होगी।
मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी और उसके सहयोगियों ने जिस तरह से मुसलमानों के लिए चिंता दिखाई है, उससे पाकिस्तान बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना भी शर्मिंदा हो जाएं। क्या बीजेपी मुसलमानों की हितैषी हो गई है, क्या ऐसा करके उसने हिंदुत्व को छोड़ दिया है?
ठाकरे ने कहा, उनकी पार्टी विधेयक पर बीजेपी के कपटी रुख और जमीन छीनकर अपने उद्योगपति मित्रों को देने की उसकी चाल का विरोध करती है। वक्फ बिल में कुछ बातें सही हैं, लेकिन जो गलत है वो गलत है। बीजेपी के कथनी और करनी में अंतर है, ये सब आने वाले चुनाव के लिए किया गया है। गरीब मुसलमानों, महिलाओं को इससे कोई लेना-देना नहीं है, हिंदुओं को इससे कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।
बीजेपी के पूर्व सहयोगी रहे उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीजेपी हिंदू-मुस्लिम मुद्दों को फिर उठा रही है। वक्फ बिल का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। अगर वह मुसलमानों को इतना ही नापसंद करते है तो अपने झंडे से हरा रंग हटा क्यों नहीं देते।
वक्फ विधेयक पर ठाकरे के रुख को लेकर शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, "वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में निर्णय लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है... उन्होंने हिंदुत्व और बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को पूरी तरह त्याग दिया है... यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है... उन्होंने कल सबसे बड़ा अपराध किया है। उद्धव ठाकरे भी वही बात कह रहे हैं जो असदुद्दीन ओवैसी कह रहे हैं।"
बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया था। सावंत ने आशंका जताई थी कि कहीं वक्फ की तरह ही आने वाले दिनों में मंदिरों के मैनेजमेंट में गैर-हिंदुओं को तो नहीं लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार न्याय के हक में विधेयक लाने के बजाय अन्याय कर रही है।
मुंबई दक्षिण से सांसद सावंत ने कहा कि वक्फ विधेयक में जो गलत है, हम उसका समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सरकार एक तरफ समान नागरिक संहिता की बात करती है और दूसरी तरफ वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को ला रही है। वक्फ धार्मिक मामला है लेकिन बीजेपी उसे सरकारी दिखाना चाहती है। आज मंदिरों की हजारों एकड़ जमीन बेची जा रही है, क्या इसके खिलाफ भी कोई कानून बनाया जाएगा?
वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) सांसद श्रीकांत शिंदे ने उद्धव ठाकरे की पार्टी पर तंज करते हुए कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज होते तो सावंत ऐसी बातें नहीं कह पाते। शिंदे ने कहा, ‘‘आज एक बात स्पष्ट हो गई कि उद्धव गुट वाले किस विचारधारा को मान रहा है... इन्हें केवल हिंदुत्व से ही नहीं बल्कि हिंदुओं से भी एलर्जी हो गई है।’’