Sanjay Raut on Devendra Fadnavis : संजय राउत ने कहा कि फडणवीस सरकार ने अच्छा काम किया है, इसलिए हमने उनकी प्रशंसा की है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) के सुर बदले-बदले से लग रहे है। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की है। यहां तक की बीजेपी नेता फडणवीस पर अक्सर कटाक्ष करने वाले उद्धव गुट के बड़े नेता संजय राउत भी कह रहे है कि ‘देवाभाऊ’ तारीफ के पात्र है। उनसे हमारे रिश्ते पुराने है, जो अभी भी कायम है।
सामना में लिखे लेख पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, "..हमने फडणवीस की प्रशंसा की है क्योंकि उनकी सरकार ने अच्छा काम किया है... महाराष्ट्र हमारा राज्य है और गढ़चिरौली जैसी जगह जो नक्सलवाद से प्रभावित है, अगर वे नक्सलवादी आत्मसमर्पण कर दे और संविधान का मार्ग अपनाते हैं मुख्यमंत्री के सामने तो हम उनका स्वागत करते हैं... गढ़चिरौली में जो बेरोजगारी और गरीबी है उसे वह दूर करें। वहां देवेंद्र फडणवीस स्टील सिटी बनाना चाहते हैं जिससे महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। लोगों को रोजगार मिलेगा। तो इसका स्वागत तो करना चाहिए..."
राउत ने आगे कहा, "पहले के संरक्षक मंत्री भी गढ़चिरौली के लिए ऐसा कर सकते थे, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने अपने एजेंटों को काम सौंपा और पैसे जुटाए, जिससे नक्सलवाद बढ़ गया... हमने फडणवीस के साथ कई साल काम किया है, उनसे वो रिश्ते कायम है। राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं और होते रहेंगे। वो सत्ता में हैं और हम विपक्ष में, इसलिए ये चलता रहेगा, लोकतंत्र में इसका महत्व है। हम विपक्ष में होने के नाते मुद्दे उठाने का काम जारी रखेंगे।”
सीएम फडणवीस की तारीफ करते हुए उद्धव गुट की ओर से सामना में लिखा गया, नए साल पर मुख्यमंत्री ने गढ़चिरौली जिले को चुना और नए साल का पहला दिन गढ़चिरौली में बिताया। सिर्फ बिताया ही नहीं, बल्कि कई विकास परियोजनाओं का भूमिपूजन, उद्घाटन किया। कुछ परियोजनाओं का लोकार्पण किया। जब कैबिनेट के कई मंत्री मलाईदार महकमों और विशेष जिले के ही पालकमंत्री पद के लिए अड़े बैठे हुए थे, सीएम फडणवीस गढ़चिरौली पहुंचे और उस नक्सल प्रभावित जिले में विकास के एक नए पर्व की शुरुआत की। गढ़चिरौली के आदिवासियों की जिंदगी बदल जाएगी। यदि मुख्यमंत्री ने जो कहा वह सच है तो यह न केवल गढ़चिरौली, बल्कि यह पूरे महाराष्ट्र के लिए अच्छा होगा।
राजनीति हलकों में चर्चा है कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति की प्रचंड जीत से उद्धव ठाकरे पर महाविकास आघाडी (एमवीए) का साथ छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। शिवसेना (यूबीटी) ने पूरी ताकत लगाकर 95 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ 20 पर ही जीत नसीब हुई। ऐसे में जब महाराष्ट्र में चंद महीनों में मुंबई, पुणे समेत 40 से ज्यादा स्थानीय निकायों के चुनाव होने है तो उद्धव अपनी सियासी जमीन को बचाने के लिए हिंदुत्व एजेंडे पर वापसी करने का प्रयास कर रहे है।