Uddhav Thackeray Eknath Shinde : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने आज महायुति सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया।
Maharashtra Budget 2025 : महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,00,020 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने आज महायुति सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट के साथ ही उन्होंने जयंत पाटिल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। जयंत पाटिल ने अब तक दस बार राज्य का बजट पेश किया था, जबकि अजित पवार ने आज ग्यारहवीं बार बजट पेश किया। हालांकि, सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी शेषराव वानखेडे के नाम है, जिन्होंने 13 बार राज्य का बजट पेश किया था।
बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार विधानभवन की गैलरी से गुजर रहे थे। वहीं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और विधायक मिलिंद नार्वेकर पहले से मौजूद थे। जैसे ही फडणवीस उनके पास से गुजरे, उद्धव ठाकरे ने मजाकिया लहजे में उनसे कहा कि मर्सिडीज के दाम नहीं बढ़ाए। ठाकरे के इस सवाल को सुनकर मुख्यमंत्री फडणवीस हंस पड़े और वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर हंसी आ गई।
ठाकरे यह टिप्पणी हाल ही में दिल्ली में हुए अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में शिवसेना नेता और विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे के बयान के संदर्भ में थी। शिंदे गुट की नेता ने कहा था कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना में एक पद पाने के लिए दो मर्सिडीज कार देनी पड़ती हैं। उनके इस बयान से सियासी हलचल मच गई थी और अब ठाकरे ने इसी मुद्दे को लेकर फडणवीस पर तंज कसा। इस दौरान वहां से एकनाथ शिंदे भी गुजर रहे थे।
विधानभवन की गैलरी में उद्धव ठाकरे ने सिर्फ फडणवीस ही नहीं, बल्कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी तंज किया। उन्होंने पवार की ओर देखते हुए कहा कि यह आपका बजट तो नहीं लग रहा है। सामने आये वीडियो में अजित पवार शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाते नजर आए। ठाकरे का यह बयान साफ तौर पर यह इशारा कर रहा था कि महायुति सरकार ने चुनाव के दौरान बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं, लेकिन फंड की कमी के चलते बजट में उन्हें पूरा करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
इस दौरान विधानभवन की गैलरी में एक दिलचस्प नजारा भी देखने को मिला जब एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे आमने-सामने आ गए, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा तक नहीं। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि शिवसेना में बगावत के बाद दोनों नेताओं के बीच दूरियां कितनी बढ़ चुकी हैं।