मुंबई

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गोपीचंद हिंदुजा की पुस्तक ‘आई एम?’ का किया विमोचन

इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, मेरे चार दशक से अधिक समय के सार्वजनिक जीवन में ऐसा कोई अवसर नहीं आया जो इससे अधिक निकट रहा हो।

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Feb 09, 2025

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को प्रसिद्ध बिजनेस टाइकून और हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा की संकलित पुस्तक ‘आई एम?’ का विमोचन किया। यह भव्य समारोह मुंबई में राजनयिक समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ राजनीतिक और व्यापारिक वर्गों के प्रतिष्ठित नेताओं की मौजूदगी में हुआ। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैंने चार दशक से अधिक समय तक सार्वजनिक जीवन जिया है। मुझे ऐसा कोई अवसर नहीं मिला जो इसके निकट भी रहा हो। गोपीचंद पी. हिंदुजा द्वारा संकलित विचारशील और विचारोत्तेजक पुस्तक 'आई एम?' का विमोचन वास्तव में अत्यंत विलक्षण क्षण है।“

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मित्रों, प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक के उद्गम स्थल तथा वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र, सनातन की भूमि- भारत में यह विमोचन होना बेहद महत्‍वपूर्ण है। जब हम शीर्षक पर सरसरी तौर पर गौर करते हैं, जैसा कि हम अक्सर करते हैं, तथा जिसे अक्सर टाला भी जा सकता है, तो शीर्षक दिलचस्प है। मैं अपनी टिप्पणी के समर्थन में कहना चाहूंगा कि ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स तृतीय ने इन आलेखों को मान्‍यता दी।“

उन्होंने कहा, “आस्था, सहिष्णुता और इच्छा मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने इसकी प्रशंसा की है। मुझे पूरा विश्वास है कि जिज्ञासु प्रवृत्ति वालों के लिए ये आलेख उत्‍सव के समान साबित होंगे। आध्यात्मिक रूप से प्रेरित महत्‍वाकांक्षियों के लिए यह एक मार्गदर्शक साबित होंगे। और जहां तक पाठक का प्रश्‍न है, तो उसे विश्व के समस्‍त धर्मों द्वारा साझा किए जाने वाले शाश्वत सत्य को गहराई से खोजने का अवसर मिलेगा।“

हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “अपनी सनातन परंपराओं को बनाए रखते हुए कई भौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न संस्कृतियों को अपनाना हमेशा हमारे परिवार के लिए जीवन का एक तरीका रहा है। हमारे व्यवसाय फले-फूले हैं क्योंकि बहुसांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना हमारे लिए विश्वास का विषय रहा है।"

उन्होंने कहा, "जी.पी. अक्सर आश्चर्य जताते है, यदि धर्म किसी की आध्यात्मिकता की खोज के लिए एक सीढ़ी है तो जो एकजुट होना चाहिए वह विभाजन कैसे पैदा करता है? इस विषय पर विभिन्न आध्यात्मिक गुरुओं, बुद्धिजीवियों और विश्व नेताओं के साथ बातचीत से प्रेरणा मिलने के बाद उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए इस पुस्तक को संकलित करने का निर्णय लिया।"

Updated on:
09 Feb 2025 12:38 pm
Published on:
09 Feb 2025 11:15 am
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