Cyber Crime : पकड़े गए आरोपी का असली नाम खालिद है जो विदेश से लाए सिम कार्ड के जरिए ठगी करता था।
Cyber Crime सोशल मीडिया के जरिए मोबाइल फोन पर एपीके APK फाइल भेजकर तीन करोड़ से भी अधिक की ठगी करने वाले 'जेम्स' को मुजफ्फरनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बैंक खाते में पड़ी 50 लाख रुपये की रकम को भी फ्रीज करवा दिया गया है। इसके कनेक्शन नेपाल और कम्बोडिया से जुड़े थे।
पकड़ा गया आभियुक्त टेलीग्राम के जरिए लोगों के मोबाइल फोन की मिरर करतका था। लोगों के फोन पर एपीके फाइल भेजता था। जैसे ही मोबाइल फोन यूजर इस फाइल को ऑपन करता था तो उसके पूरे फोन का एक्सेस जेम्स के पास पहुंच जाता था। इस तरह जेम्स मोबाइल फोन का सारा डाटा चोरी कर लेता था और फिर इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए ठगी का खेल शुरू होता था। इस तरह से इसने तीन करोड़ 9 लाख रुपये से भी अधिक की ठगी की थी।
मुजफ्फरनगर पुलिस पिछले काफी दिनों से इसकी तलाश कर रही थी। पुलिस को सफलता मिली और जेम्स उर्फ खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बैंक खाते से 50 लाख रुपये की रकम मिली है। इस रकम को फ्रीज करवा दिया गया है। अब इस रकम को उन लोगों को दिया जाएगा जिनके साथ इसने ठगी की थी।
एसपी क्राइम मुजफ्फरनगर इंदू सिदार्थ ने बताया कि मुजफ्फरनगर के रहने वाले सचिन कुमार निवासी नई मण्डी ने शिकायत करते हुए बताया था कि, सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर उनकी एक व्यक्ति से मित्रता हुई थी। इस फेसबुक मित्र ने उनसे रुपये निवेश करने तथा निवेश पर ज्यादा लाभ दिलाने का झांसा देकर कुल तीन करोड़ 9 लाख रुपये की ठगी कर ली। इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
मुकदमें की जांच में मौहम्मद माज पुत्र मौहम्मद शब्बर हसन और अम्बरीश मिश्रा पुत्र त्रिलोकीनाथ मिश्रा को पुलिस ने सात दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में एक अन्य आरोपी जेम्स नाम सामने आया था। पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया। सोशल मीडिया पर इसने अपना नाम जेम्स और जॉर्डन रखा हुआ था। इसे पकड़ा गया तो इसने अपना असली नाम खालिद पुत्र इनामूलहक निवासी साईपुरम थाना कोतवाली नगर जिला बाराबंकी और मूल निवासी दिलदार नगर जनपद गाजीपुर बताया।
पकड़े गए 24 वर्षीय आरोपी ने पुलिस को बताया कि, इसने पुलिस को बताया कि इसने बाबू बनारसीदास यूनिवर्सटी से BHMCT से ग्रेजूएशन की। नौकरी की तलाश कर रहा था तभी इसकी मुलाकात सार्थक निवासी बाराबंकी से हुई। सार्थक इन्वेस्ट के नाम पर लोगों से पैसे का लेन देन करता था। इसने बताया कि करीब सात महीने के इसने सार्थक को 40 लाख रुपये दिए। सार्थक ने इससे वादा किया था कि सारी रकम 40 प्रतिशत के मुनाफे के साथ वापस करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके बाद जब सार्थक से पैसों की मांग करता रहा तो सार्थक ने इसकी मुलाकात बाराबांकी के रहने वाले अमान से कराई। इसके बाद पकड़ा गया आरोपी नेपाल में अमान से मिला। अमान ने बताया कि वो लोग आसानी से कम्बोडिया, चीन, सिंगापुर में रहकर भारत में रहने लोगों को ठगते हैं। इसने यही से ठगी का तरीका सीखा और फिर नेपाल से एक नेपाली मोबाइल फोन और मोबाइल नंबर भारत ले आया।
इसके बाद इसने जार्डन और जेम्स के नाम से टेलीग्राम पर पेज बनाये। यहीं से इसने ठगी का खेल शुरू किया। पकड़े गया आरोपी अब तक 50 से अधिक लोगों के बैंक खातों से लेनदेन कर चुका है। पकड़े गए आरोपी जेम्स उर्फ जॉर्डन उर्फ खालिद के बैंक खाते से करीब 50 लाख रुपये की रकम मिली है जिसे सीज कर दिया गया है। अब इसके बारे में और जानकारी हांसिल की जा रही है।