मीरापुर से रालोद विधायक मिथलेश पाल आफतों में घिरी हुई नजर आ रही हैं। पांच साल पहले धनगर समाज के आंदोलन के दौरान शहर में जाम और धरने-प्रदर्शन के मामले में मीरापुर की रालोद विधायक मिथलेश पाल समेत 15 पर आरोप तय हो गए। तीन जनवरी को सुनवाई होगी।
मीरापुर से रालोद विधायक मिथलेश पाल सहित 14 लोगों पर कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। 3 जनवरी 2025 को इस मामले में सुनवाई की जाएगी। मिथलेश पर ट्रैफिक बाधित करने, बंधक बनाने से लेकर दंगा भड़काने तक का आरोप है। इसमें 3 साल की सजा का प्रावधान है। अगर इस मामले में उन्हें सजा सुनाई जाती है तो ऐसे में उनकी विधायिकी चली जाएगी।
25 फरवरी 2019 को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी कराने की मांग के लिए लोग धननगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर एकत्र हुए थे। धरने के बीच ही सरकुलर रोड होते हुए पहले प्रकाश चौक और फिर महावीर चौक पर जाम लगाया गया। कलेक्ट्रेट में पहुंचकर प्रदर्शन किया। कई घंटे चले हंगामे में वर्तमान विधायक मिथलेश पाल, मांगेराम, अमरनाथ पाल, विनय पाल, पुष्पांकर पाल समेत 15 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। एमपी-एमएलए अदालत के स्पेशल जज देवेंद्र सिंह फौजदार ने इस मामले में विधायक मिथलेश पाल और अन्य 14 लोगों पर दंगा भड़काने और बंधक बनाने के आरोप हैं। इस मामले में सिविल लाइंस थाने में 25 फरवरी 2019 को केस दर्ज किया गया था।
विधायक मिथलेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों के साथ दंगा करना) और 342 (बंधक बनाना) के तहत आरोप तय किए। अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 3 जनवरी 2025 तय की है।