नागौर

Good News: राजस्थान के इस शहर में 375 करोड़ की लागत से बनेगा 16KM लंबा बायपास, होंगे ये बड़े फायदे

Bypass Road News: राजस्थान को केंद्र सरकार एक और बड़ी सौगात देने जा रही है। इस शहर में 375 करोड़ रुपए की लागत से 16 किलोमीटर लंबा बायपास बनाया जाएगा।

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Apr 09, 2025

नागौर। नागौर-जोधपुर फोरलेन की स्वीकृति के बाद राजस्थान को केंद्र सरकार एक और बड़ी सौगात देने जा रही है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने नागौर रिंग रोड को पूरा करने के लिए बायपास सड़क को मंजूरी देने की तैयारी कर ली है। नागौर में 375 करोड़ की लागत से 16 किलोमीटर लंबा बायपास बनाया जाएगा, जो बीकानेर रोड से लाडनूं रोड तक बनेगा।

बता दें कि नागौर शहर से निकलने वाले दो नेशनल हाईवे और एक स्टेट हाईवे के यातायात को बाहर से निकालने के लिए तीन तरफ बायपास रोड बन चुकी है। अब अमरपुरा से गोगेलाव तक बायपास रोड पूरा करने की कवायद चल रही है। वर्तमान में अमरपुरा से चुगावास तक के बायपास की लंबाई 19.225 किमी और चुगावास से गोगेलाव तक बायपास की लंबाई 12.07 किमी है। अमरपुरा से गोगेलाव तक बनने वाले बायपास की लंबाई 16 किमी होगी। बायपास बनने के बाद नागौर शहर में चारों तरफ 47 किलोमीटर की रिंग रोड तैयार हो जाएगी।

375 करोड़ रूपए आएगा खर्च

एनएच नागौर खंड के एक्सईएन दीपक परिहार ने बताया कि बीकानेर रोड से लाडनूं रोड को मिलाने के लिए बायपास की डीपीआर तैयार होने के बाद सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। यह बायपास 16 किलोमीटर लम्बा होगा, जिस पर करीब 375 करोड़ का खर्च आएगा। उम्मीद है जल्द ही इसकी स्वीकृति मिल जाएगी।

बायपास सड़क बनने से क्या होगा फायदा?

नागौर शहर से अभी दो नेशनल हाईवे (एनएच 65 व 89) निकल रहे हैं। इसके कारण भारी वाहनों का आवागमन शहर से होता है। रिंग रोड बनने से शहर में आने वाले भारी एवं हल्के वाहन बाहर से निकलेंगे। इससे समय की बचत होगी। शहर का यातायात भार कम होगा और सड़क हादसों में कमी आएगी। गोगेलाव के पास विकसित हो रहे नए औद्योगिक क्षेत्र को संजीवनी मिलेगी। नए औद्योगिक क्षेत्र में माल लाने व ले जाने के लिए भारी वाहनों को शहर में नहीं आना पड़ेगा।

रिंग रोड से शहर का विस्तार होगा। नागौर शहर का अधिकतर विकास बीकानेर रोड पर हो रहा है। रिंग रोड बनने से लाभ मिलेगा। बीकानेर रोड पर जिला मुख्यालय का सरकारी अस्पताल, कृषि कॉलेज, मेडिकल कॉलेल, नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय, मॉडल स्कूल वर्तमान में संचालित हैं। साथ ही यहां मिनी सचिवालय व न्यायालय के लिए भवन बनना भी प्रस्तावित है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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