नवंबर से जनवरी तक सर्दी के मौसम में पकौड़ी की मांग अपने चरम पर रहती है। शाम होते ही इन इलाकों में ग्राहकों की भीड़ बढऩे लगती है। कई दुकानों पर देर रात तक पकौड़े तलने का सिलसिला चलता रहता है।
गांधी चौक, काठडिय़ा चौक और दिल्ली दरवाजा पर सर्दी में पकौड़ी-चाय बनी लोगों की पहली पसंद
नागौर. दोपहर की धूप ढलने के साथ शाम को गुलाबी ठंडक के आते ही शहर के के प्रमुख बाजारों में पकौड़ी की सोंधी खुशबू माहौल फैल जाती है। गांधी चौक, काठडिय़ा चौक और दिल्ली दरवाजा आदि इलाकों में शाम होते ही पकौड़ों की दुकानें सज जाती हैं और चाय-पकौड़ी का दौर शुरू हो जाता है। तेल में तले जा रहे ताजे पकौड़ों की खुशबू राहगीरों को अपनी ओर खींच लेती है। बाजार से गुजरते लोग अनायास ही दुकानों के पास रुक जाते हैं, और गर्मागर्म पकौड़ों का स्वाद लेने से खुद को रोक नहीं पाते।
तेल में तले पकौड़े, मसालों की खुशबू और चाय की चुस्की
शाम के समय दुकानों पर पकौड़े ताजे तेल में तले जाने का काम शुरू हो जाता हैं। जैसे ही पकौड़े सुनहरे रंग में बदलते हैं, उनकी खुशबू पूरे बाजार में फैलने लगती है। गरम पकौड़े, साथ में कडक़ चाय और ठंडी हवा का यह मेल के संघ दुकानों पर मीठी, तीखी और खट्टी चटनियों के साथ पकौड़े का स्वाद लोगों के जुबान पर चढक़र बोल रहा है। कई दुकानों पर पनीर पकौड़े, पालक पकौड़े और मूंग दाल के पकौड़े भी मिलने लगे हैं। नए स्वादों के साथ पुराने पकौड़ों का मेल ग्राहकों को खूब भा रहा है। युवा वर्ग से लेकर परिवार और बुजुर्ग तक, हर कोई अपनी पसंद के पकौड़े खाता हुआ नजर आने लगा है।
सर्दी में बढ़ी भीड़, दुकानदारों को मिला फायदा
दुकानदारों का कहना है कि सर्दी के मौसम में उनकी बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ जाती है। यह समय उनके लिए सबसे बेहतर व्यापारिक अवसर माना जाता है। बाजारों में गांधी चौक पर शाम के समय सबसे अधिक चहल-पहल देखने को मिलती है। लोग पकौड़ी खाते हुए आपस में बातचीत करते हैं। काठडिय़ा चौक और दिल्ली दरवाजा क्षेत्र में भी स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक पकौड़ी का स्वाद लेने पहुंचने लगे हैं।