नागौर

सरकारी स्कूलों के भवन : पहले मांगे सुरक्षा संबंधी प्रमाण पत्र, अब मांग रहे वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी

हाईकोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान, सरकार से मांगी विद्यालयवार की गई वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी, शिक्षा परिषद ने दिए सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों को जमींदोज करने के साथ सूची भेजने के निर्देश, लगातार हो रही बारिश के कारण नहीं टला स्कूलों में हादसों का संकट

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Sep 07, 2025

नागौर. प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण जर्जर स्कूल भवनों में हादसों की आशंका को देखते हुए अब विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेते हुए सरकार को निर्देश दिए कि आगामी सुनवाई 9 सितम्बर को जर्जर विद्यालयों भवनों/कक्षों के स्थान पर विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए की गई वैकल्पिक व्यवस्था की विद्यालयवार सूची प्रस्तुत की जाए। हाईकोर्ट के निर्देश पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सभी कलक्टर को पत्र लिखकर 7 सितम्बर तक जर्जर घोषित विद्यालयों के स्थान पर अध्ययन के लिए की गई वैकल्पिक व्यवस्था की विद्यालयवार सूचना मांगी है।

प्रदेश में 3708 जर्जर विद्यालय

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद भी सक्रिय हो गई है। परिषद की राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा एवं आयुक्त स्कूल शिक्षा अनुपमा जोरवाल ने 5 सितम्बर को सभी जिलों के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं समसा के पदेन जिला परियोजना समन्वयकों को पत्र लिखकर जर्जर भवनों को जमींदोज करने करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

आयुक्त ने बतााया कि जिला कलक्टरों के माध्यम से गठित तकनीकी दलों की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार प्रदेश में 3708 राजकीय विद्यालय भवन जर्जर पाए गए हैं। भारत सरकार/राज्य सरकार की ओर से जर्जर भवनों के स्थान पर नवीन भवन निर्माण के लिए स्वीकृति जारी किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजने हैं, इसलिए जर्जर भवनों को अविलम्ब जर्जर घोषित करते हुए उन्हें जमींदोज करने की कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही जर्जर भवनों के प्रमाण पत्र व प्रस्ताव 10 सितम्बर तक मंगवाए गए हैं।

नागौर जिले में 1156 विद्यालयों को मरम्मत की आवश्यकता

शिक्षा अधिकारियों के अनुसार एसडीआरएफ के तहत पहले 1130 मरम्मत योग्य स्कूल भवनों की सूचना मुख्यालय को भिजवाई गई थी। उसके बाद 26 स्कूलों के प्रस्ताव और भेजे गए। इस प्रकार कुल 1156 विद्यालयों के मरम्मत प्रस्ताव आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को भेजे गए हैं। इसके बदले में सरकार ने जिले के 263 विद्यालय भवनों के लिए साढ़े पांच करोड़ से अधिक की राशि की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। जिसकी पालना में संबंधित कार्यकारी एजेंसी को भेजकर कार्य प्रारम्भ करने के लिए निेर्देश दिए जा चुके हैं। इसी प्रकार 49 विद्यालय भवनों की मरम्मत की स्वीकृति राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से गत 27 जुलाई को जारी की गई है।

मरम्मत की लगभग सभी को आवश्यकता

जिले के सरकारी विद्यालय भवनों को लेकर समग्र शिक्षा नागौर के सहायक अभियंता ने सभी विद्यालयों का सर्वे करने के बाद जो रिपोर्ट दी, उसके अनुसार लगभग सभी विद्यालय भवनों को मरम्मत की आवश्यकता है।

यह है स्थिति

जिला - कुल विद्यालय - आंशिक रूप से मरम्मत योग्य - पूर्ण रूप से जर्जर

नागौर - 1660 - 1406 - 11

डीडवाना-1413 - 1122 - 34

विभाग ने 11 को माना जर्जर, पीडब्ल्यूडी ने छह को

पूर्व में संस्था प्रधानों की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार जिले के 11 विद्यालय भवनों को जर्जर व असुरक्षित माना गया था। उसके बाद जिला कलक्टर ने पीडब्ल्यूडी की टीम से सर्वे करवाया, जिसमें छह स्कूल भवनों को ही जर्जर माना, शेष 5 को मरम्मत योग्य माना गया। छह में से बरणगांव विद्यालय के लिए नया भवन बनाने कार्यादेश जारी हो चुके हैं तथा दो अन्य विद्यालय भवनों की स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है। तीन की स्वीकृति शेष हैं।

- रामनिवास विश्नोई, सहायक अभियंता, समसा, नागौर।

Published on:
07 Sept 2025 11:02 am
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