नागौर

नागौर में बने यूआईटी तो हो सुनियोजित विकास

नगर विकास न्यास की मांग : प्रदेश में नागौर से छोटे कई शहरों में स्थापित हो चुकी है यूआईटी, नागौर में तीन रीको औद्योगिक क्षेत्र, तीन आरओबी, रिंग रोड युक्त पश्चिमी राजस्थान का एक पुराना जिला

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Dec 06, 2025
Nagaur city

नागौर. नागौर शहर में नगर विकास न्यास (यूआईटी) के गठन की मांग पिछले कई वर्षों से उठ रही है। यूं तो नागौर नगर परिषद क्षेत्र की जनसंख्या डेढ़ लाख पार हो चुकी है, फिर भी सरकार नागौर-बासनी को मिलाकर यूआईटी का गठन कर सकती है, ताकि सुनियोजित विकास किया जा सके। नागौर की बढ़ती आबादी, औद्योगिक विस्तार, शहरी दबाव और अव्यवस्थित विकास को देखते हुए नगर विकास न्यास की स्थापना अब आवश्यक नजर आ रही है। यदि यूआईटी का गठन होता है तो शहर अगले तीन दशकों में एक सुनियोजित, आधुनिक और सुविधायुक्त नगरी के रूप में विकसित हो सकेगा।

गौरतलब है कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के सुनियोजित विकास के लिए अब तक 7 विकास प्राधिकरण और 12 नगर विकास न्यास स्थापित किए जा चुके हैं। अलवर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, आबू, जैसलमेर, पाली, चित्तौडगढ़़, सीकर, बाड़मेर, सवाई माधोपुर, दौसा और बालोतरा जैसे शहरों में यूआईटी का गठन हो चुका है। जबकि इनसे बड़े और विकास की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण नागौर में अब तक यूआईटी स्थापित नहीं हुई है।

गांवों तक फैल रहा शहरी इलाका

गौरतलब है कि नागौर पश्चिमी राजस्थान का एक प्रमुख जिला मुख्यालय है, जहां तीन रीको औद्योगिक क्षेत्र, तीन आरओबी, रिंग रोड तथा तेजी से बढ़ता शहरी क्षेत्र मौजूद है। वर्तमान में नागौर एवं बासनी क्षेत्र की आबादी 2 लाख से अधिक है, जो वर्ष 2050 तक 5 लाख के पार पहुंचने का अनुमान है। शहर का विस्तार ताऊसर, चेनार, डूकोसी, अमरपुरा, गोगेलाव, मानासर और अठियासन जैसे आसपास के गांवों तक फैल चुका है। तेजी से कट रही नई कॉलोनियों के चलते शहर में अव्यवस्थित शहरीकरण की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि नागौर में यूआईटी का गठन समय की मांग है। जिससे मास्टर प्लान के अनुरूप और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सुनियोजित विकास को गति मिले।

क्यों जरूरी है नागौर में यूआईटी

- नगर परिषद की सीमित क्षमता : नगर परिषद के पास बड़े प्रोजेक्ट लागू करने, दीर्घकालीन योजनाओं को जमीन पर उतारने और पर्याप्त वित्त जुटाने की क्षमता सीमित रहती है। जबकि यूआईटी के पास विशेषज्ञता और संसाधन दोनों उपलब्ध होते हैं।

- मौजूदा ढांचे में कमियां : सडक़ें, जल निकासी, यातायात प्रबंधन और शहरी सुविधाओं के स्तर पर कई गंभीर समस्याएं हैं, जो शहर के विकास में बाधा बन रही हैं।

- अव्यवस्थित विस्तार : तेजी से फैलते शहरी क्षेत्र में असंगत बसावट, टूटे इंफ्रास्ट्रक्चर और जाम जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

- दीर्घकालिक मास्टर प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन : यूआईटी बनने से शहर का विकास योजनाबद्ध ढंग से हो सकेगा। जिसका लाभ आमजन को मिलेगा।

- समर्पित विकास एजेंसी की जरूरत : लगातार फैलते नागौर-बासनी क्षेत्र के लिए यूआईटी जैसे विशेष प्राधिकरण आब जरूरत बन चुके है। आवश्यक विकास कार्य गति से कर सकते हैं।

बीकानेर यूआईटी का उदाहरण

वर्ष 1960 में बीकानेर में यूआईटी की स्थापना उस समय हुई थी, जब वहां की आबादी मात्र डेढ़ लाख थी। इसके बाद शहर में कॉलोनियों, व्यावसायिक मार्केट, स्ट्रीट लाइट, पार्क और सौंदर्यीकरण जैसे बड़े कार्य हुए। 2011 में बाड़मेर की आबादी एक लाख से कम थी, फिर भी 2012-13 में वहां यूआईटी बना दी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि इसी मानक के अनुसार नागौर भी यूआईटी के लिए उपयुक्त है।

विशेषज्ञों की राय

यूआईटी का क्षेत्र पेराफेरी बेल्ट, विरासत स्थलों और नई टाउनशिप तक विस्तृत होता है। यह आधुनिक शहरी मानकों के अनुरूप सडक़, जल, स्वच्छता और आवास जैसी सुविधाओं का उन्नयन सुनिश्चित करता है। नागौर में यूआईटी की स्थापना समय की मांग है।

- प्रियंका बुगासरा, पीएचडी छात्रा, गंगा सिंह विश्वविद्यालय (बीकानेर)

नागौर का शहरी ढांचा अब पूर्ण शहर का रूप ले चुका है तथा बासनी अब उपनगर बनकर उभर रहा है। बीकानेर रोड, वल्लभ चौक, कॉलेज रोड, डीडवाना रोड, बीकानेर रोड जैसे क्षेत्रों में तेजी से शहरी संपन्नता दिख रही है। ऐसे में भविष्य के विकास को दिशा देने के लिए यूआईटी का गठन बेहद जरूरी है।

- चंद्रशेखर छंगाणी, पीएचडी स्कॉलर, जेएनवीयू (जोधपुर)

नगर विकास न्यास एक वैधानिक निकाय होती है जो नियोजित शहरीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी सेवाओं का विस्तार करती है। नागौर-बासनी की बढ़ती जनसंख्या और फैलते क्षेत्र को देखते हुए आगामी बजट में नागौर यूआईटी की घोषणा होना चाहिए, ताकि विकसित राजस्थान 2047 की परिकल्पना में नागौर पीछे न छूटे।

- डॉ. प्रेमसिंह बुगासरा, प्रोफेसर, बीआर मिर्धा राजकीय महाविद्यालय, नागौर

Updated on:
06 Dec 2025 12:06 pm
Published on:
06 Dec 2025 12:05 pm
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