प्रदेश :छह माह में बलात्कार के करीब तीन हजार मामले हुए दर्ज, बलात्कार के सबसे अधिक मामले अलवर, अजमेर व श्रीगंगानगर में हुए दर्ज
नागौर. प्रदेश में दर्ज होने वाले बलात्कार के कुल मामलों में से 40 फीसदी से अधिक प्रकरण जांच में इस साल झूठे साबित हुए हैं। इसी प्रकार महिला उत्पीडऩ (दहेज) के भी 35 फीसदी से अधिक मामलों में पुलिस झूठा मानते हुए एफआर लगा रही है। यह खुलासा पुलिस विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। राजस्थान पुलिस की ओर से विधानसभा में पेश किए गए एक सवाल के जवाब में बताया गया कि इस साल के शुरू के छह महीने जनवरी से जून 2025 तक प्रदेश में बलात्कार के कुल 2966 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें 1187 मामलों में पुलिस ने एफआर दी है। जबकि 392 पेंडिंग हैं। इसी प्रकार बलात्कार के बाद हत्या के कुल 12 मामले दर्ज हुए, जिनमें 3 में एफआर दी गई। दहेज हत्या के 187 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 31 में एफआर दी गई, जबकि 31 अभी जांच में है। पिछले छह महीने में महिला उत्पीडऩ (दहेज) के 6192 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 3004 में चालान पेश किए, जबकि 1863 मामलों में एफआर दी गई तथा 1325 पेंडिंग है। मामलों में करीब 38 फीसदी प्रकरण झूठे पाए गए। दहेज हत्या के सबसे ज्यादा 14 मामले धौलपुर जिले में दर्ज हुए हैं।
पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार के सबसे अधिक मामले अलवर (143), अजमेर (111), श्रीगंगानगर (128), जयपुर पूर्व (101) जिले में दर्ज किए गए, इन जिलों के अलावा किसी भी जिले में 100 से ज्यादा बलात्कार के मामले दर्ज नहीं किए गए। खास बात यह है कि इन जिलों में जहां सबसे ज्यादा बलात्कार के मुकदमे दर्ज हुए, वहां एफआर का प्रतिशत भी अधिक रहा है। वहीं दूसरी तरफ जैसलमेर (9) ऐसा जिला है, जहां सबसे कम मामले दर्ज हुए। नागौर जिले में छह महीने में बलात्कार के कुल 59 मामले दर्ज हुए, जिनमें 19 झूठे पाए गए। 14 की जांच अभी पेंडिंग है। डीडवाना-कुचामन में कुल 42 मामले दर्ज हुए, जिनमें 13 में एफआर दी तथा 2 की जांच चल रही है।
प्रदेश में एक जनवरी से जून 2025 तक दर्ज मामले
बलात्कार के कुल मामले - 2966
चालान - 1387
एफआर - 1187
पेंडिंग - 392
बलात्कार के बाद हत्या के मामले
कुल मामले - 12
चालान - 8
एफआर - 3
पेंडिंग - 1
दहेज हत्या के मामले
कुल मामले - 187
चालान - 92
एफआर - 31
पेंडिंग - 64
महिला उत्पीड़न (दहेज) के मामले
कुल मामले - 6192
चालान - 3004
एफआर - 1863
पेंडिंग - 1325
एक तरफ सुखद तो दूसरी तरफ दुखद पहलू
अपराध की दुनिया का सुखद पहलू यह है कि प्रदेश में पिछले दो सालों में महिला अपराधों में कमी दर्ज की गई है। साल के शुरुआती छह महीनों में दर्ज हुए महिला अत्याचार के प्रकरणों की तुलनात्मक स्थिति का आकलन करें तो वर्ष 2023 की तुलना में 2025 में 9.91 प्रतिशत तथा वर्ष 2024 की तुलना में 2025 में 8.22 प्रतिशत मामले कम दर्ज हुए हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा कमी बलात्कार के बाद हत्या, आत्महत्या दुष्प्रेरण, बालिग से बलात्कार व छेड़छाड़ के मामलों में बड़ी कमी देखी गई है। वहीं दुखद पहलू यह है कि नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार के मामलों में वर्ष 2023 की तुलना में 13.44 फीसदी व 2024 की तुलना में इस साल 3.05 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
महिला सुरक्षा के लिए पुलिस कटिबद्ध
महिला सुरक्षा के लिए राजस्थान पुलिस कटिबद्ध है। साथ ही दर्ज होने वाले प्रकरणों का निष्पक्ष अनुसंधान किया जाता है, जांच में जो केस झूठे पाए जाते हैं, उनमें एफआर लगाई जाती है।
- मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक, नागौर