नागौर

गारंटी-वारंटी और मिलावट के खेल में फंसे लोग, गलत जानकारी से हो रही ठगी

इसके अलावा, गुणवत्ता की जांच के बिना सामान खरीदने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है, जिससे मिलावटी और खराब उत्पाद बाजार में आसानी से बिक रहे हैं।

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Mar 02, 2025
अधिकांश उपभोक्ताओं को गारंटी और वारंटी के बीच का अंतर नहीं पता है, जिसके कारण अक्सर गलत जानकारी के आधार पर ठगी का शिकार हो जाते हैं।

नागौर. उपभोक्ताओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। अधिकांश उपभोक्ताओं को गारंटी और वारंटी के बीच का अंतर नहीं पता है, जिसके कारण अक्सर गलत जानकारी के आधार पर ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा, गुणवत्ता की जांच के बिना सामान खरीदने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है, जिससे मिलावटी और खराब उत्पाद बाजार में आसानी से बिक रहे हैं।
लगभग पचास फीसदी उपभोक्ताओं को गारंटी और वारंटी के बीच का अंतर नहीं पता। गारंटी के तहत खराब उत्पाद को बदलने या पूरे पैसे वापस करने का अधिकार होता है, जबकि वारंटी में उत्पाद की मरम्मत की जाती है, न कि उसे बदला जाता है। कई कंपनियां और दुकानदार इस अंतर को भुलाकर उपभोक्ताओं को भ्रमित करते हैं, जिससे वे सही निर्णय नहीं ले पाते।

मिलावटी सामग्री: उपभोक्ताओं को सावधान रहने की जरूरत
खासकर त्योहारी मौसम में जैसे दिवाली या होली के दौरान, मिलावटी खाद्य सामग्री के मामले सामने आते हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के दिशा-निर्देशों की अवहेलना की जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य खतरे में पड़ रहा है। मिठाई में मिलावट और गलत जानकारी देने के मामले बढ़ गए हैं। शुद्धता की जांच के दौरान सेम्पल लेने की प्रक्रिया अक्सर धीमी होती है, और तब तक माल बिक चुका होता है, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ता है।

खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए सेम्पल तो लिए गए हैं, लेकिन रिपोर्टों में देरी और गलत रिपोर्टिंग के कारण उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है। जनवरी 2022 से दिसंबर 2024 तक कुल 1569 सेम्पल लिए गए, जिनमें से केवल 2त्न सेम्पल ही मिलावट की श्रेणी में पाए गए।

कैसे किया जा सकता है जागरूक?
शिकायत के तरीके: उपभोक्ताओं को यह जानकारी होनी चाहिए कि मिलावटी या खराब उत्पाद मिलने पर वे कहां शिकायत कर सकते हैं। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में उपभोक्ता कौंसिल और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत दर्ज की जा
सकती है।
गुणवत्ता की जांच: उपभोक्ताओं को उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए, खासकर पैक्ड सामान और ऑनलाइन शॉङ्क्षपग करते वक्त।
बिल और रेट: बिल लेना उपभोक्ताओं के अधिकार की रक्षा करता है, और इसे टैक्स बचाने के बजाय अपनी सुरक्षा के तौर पर लिया जाना चाहिए।

सामान खरीदते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
गारंटी और वारंटी का अंतर समझें, बिल हमेशा लें।
शुद्धता और गुणवत्ता की जांच करें, खासकर खाद्य सामग्री में।

इनका कहना…
खरीदारी के समय बिल लेने के साथ गारंटी/वारंटी ही नहीं अन्य स्कीम पर भी सोच-समझ कर खरीदारी करे। माल खराब होने पर शिकायत कहां की जाए, इसकी भी जानकारी हो। बहुत से लोग अनावश्यक पचड़े में पडऩे के डर से शिकायत नहीं करते।
दीन दयाल प्रजापत, अध्यक्ष ,जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, नागौर

.....
नई पीढ़ी के लोग बेहतर खरीदारी के साथ अपने अधिकारों से भी अनजान हैं। किसी भी स्कीम के तहत सस्ता और बेहतर दिखने वाला प्रोडक्ट सही होगा, यह सोचना गलत है। कोई भी चीज खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता देखें, साथ ही गारंटी/वारंटी का सही अंतर पहचानकर बिल जरूर लें।
मोहम्मद जावेद गौरी, व्यवसायी नागौर

Published on:
02 Mar 2025 07:30 pm
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