Rajasthan: नागौर जिले की मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया के लिए अभी तक काउंसलिंग भी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज का शुरू होना इस सत्र में मुश्किल लग रहा है।
Rajasthan: राजस्थान के नागौर जिले की मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर संदेह के बादल मण्डराने लगे हैं। प्रवेश प्रक्रिया के लिए काउंसलिंग तक शुरू नहीं हुई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एमएनसी) की ओर से मान्यता दिए जाने का मामला भी अटका पड़ा है। ऐसे में देर-सवेर मान्यता मिलने पर भी इस साल से इसका प्रारंभ होना मुश्किल लग रहा है।
सूत्रों के अनुसार करीब तीन महीने पहले ही सौ सीट से नागौर मेडिकल कॉलेज शुरू होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी। चंद दिन बाद कॉलेज में अध्यापन के लिए 125 फैकल्टी को सरकार ने भी मंजूरी दे दी थी। बावजूद इसके नीट के परिणाम के बाद काउंसलिंग का पहला चरण पूरा हो गया, जबकि नागौर मेडिकल कॉलेज में काउंसलिंग को लेकर भी कोई तैयारी नहीं हो पाई। मेडिकल कॉलेज में लाइब्रेरी, फर्नीचर जैसी व्यवस्था भी नहीं हो पाई है।
उधर, बताया जाता है कि पेमेंट नहीं मिलने की वजह से काम भी धीमे हो गया है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज का शुरू होना इस सत्र में मुश्किल लग रहा है।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एसके भास्कर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बारां, बांसवाड़ा, सवाई माधोपुर, झुंझुनूं के साथ नागौर मेडिकल कॉलेज भी इसी सत्र से शुरू किया जाना था। तैयारी तो इतनी हो चुकी थी कि नागौर के जेएलएन अस्पताल के करीब 35 चिकित्सकों को एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में पदस्थापित किया गया, ताकि चिकित्सा के साथ अध्यापन का कार्य भी संभाल सकें।
नागौर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके भास्कर का कहना है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। ऊपरी स्तर पर आदेश की प्रतीक्षा है।