
Rajasthan Teacher's Transfer: एक तरफ प्रदेश में तबादलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में चहेतों के लिए कायदों को ताक पर रखकर डेपुटेशन का खेल जारी है। राजस्थान में नई सरकार बनते ही सरकार ने सभी डेपुटेशन को रद्द करने के आदेश दिए। भजनलाल सरकार (Bhajanlal Government) ने शुरुआत में कांग्रेस राज में हुए कुछ डेपुटेशन को रद्द भी किया, लेकिन अब नई सरकार ने भी चहेतों के लिए डेपुटेशन की गली निकाल ली है। डेपुटेशन के खेल की वजह से कई स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी डेपुटेशन के कई आदेश सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में भी है।
इधर, तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ओर से लगातार तबादले की मांग की जा रही है। वहीं पिछले दिनों विधानसभा में शिक्षामंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) ने कहा था कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले गाइडलाइन बनने के बाद ही किए जाएंगे। ऐसे में एक लाख से अधिक शिक्षकों को शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का इंतजार है।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खारापार बाड़मेर के एक शारीरिक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति के आदेश शिक्षा निदेशालय से 22 अगस्त को जारी हुए। इसमें शिक्षक मोहित चौधरी का पदस्थापन अलवर में विशेष शिक्षा के रिसोर्स पर्सन पद पर किया गया। इस मामले में विशेष शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि विशेष शिक्षा के पदों पर भारतीय पुनर्वास परिषद की गाइडलाइन के अनुसार विशेष शिक्षकों को ही नियुक्त किया जा सकता है।
शिक्षा विभाग के दो आदेश सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। एक शिक्षिका को हरियाणा भेजने के लिए एनओसी से लेकर अन्य प्रक्रिया के दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए। वहीं एक शिक्षिका को महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजने की शिक्षा विभाग में जमकर चर्चा है।
शिक्षा विभाग की ओर से कई तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक-जिले से दूसरे जिलों में भी डेपुटेशन कर दिए गए। पिछले दिनों जालोर जिले की एक शिक्षका की प्रतिनियुक्ति चौमूं में कर दी गई। वहीं कई शिक्षकों को बूंदी सहित कई जिलों में लगाया गया है।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि, डेपुटेशन और तबादलों पर रोक है, लेकिन कुछ गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं, जिनकी परिस्थितियों को समझते हुए प्रकरण मुख्यमंत्री के पास भेजे जाते हैं। उनकी अनुमति के बाद ही किए जाते हैं।
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि, तबादला हो या फिर प्रतिनियुक्ति एक नीति होनी चाहिए। स्कूलों में एक तरफ शिक्षकों की कमी है दूसरी तरफ चहेतों को दूसरे जिलों में भेजना गलत है। निदेशालय की ओर से खुद शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। जबकि सरकार ने खुद ने सत्ता में आते ही कहा था कि अब प्रतिनियुक्ति का खेल राजस्थान में नहीं चलेगा।
Published on:
10 Sept 2024 11:06 am
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