Rajasthan News : राजस्थान सरकार अब खनन माफिया पर शिकंजा कसेगी। अब जीपीएस और टैग लगे वाहन ही खनिज परिवहन कर सकेंगे।
सवाईसिंह हमीराणा
Rajasthan News : खनन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए सरकार जीपीएस का सहारा लेगी। जीपीएस एवं टैग लगे वाहन ही बजरी व अन्य खनिज का परिवहन कर सकेंगे। साथ ही बिना व्हीकल लोकेशन डिवाइस व रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) सिस्टम के वाहनों का ई-रवन्ना नहीं कटेगा। खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पुष्कर राज आमेटा ने अभियंताओं को परिवहन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेकिंग सिस्टम (ईटीएस) से खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की लोकेशन खान विभाग को मिलती रहेगी। अधिकारियों की जानकारी में रहेगा कि खनिज किसी लीज एरिया से भरा गया है या नहीं। इसकी जानकारी के बिना रवन्ना जारी नहीं होगा। आरएफआइडी से कांटे पर गाड़ी नंबर ट्रेस हो जाएंगे। इसके अलावा कौनसे रूट से खनिज ले जाया जा रहा है यह देखा जा सकेगा। खनिज परिवहन रजिस्टर्ड वाहनों से ही किया जा सकेगा। इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित होंगे।
जानकारी के अनुसार धर्मकांटा को भी खान विभाग के ई-रवन्ना पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इससे विभाग के पास सभी वाहनों का डेटा उपलब्ध रहेगा। बिना वैध ई-रवन्ना और तय मार्ग से अन्यत्र मार्ग पर चलने वाले वाहनों को अवैध माना जाएगा। जिन वाहनों में जीपीएस नहीं लगा होगा और आगे-पीछे स्पष्ट नंबर नहीं होंगे, उन्हें खनिज देने वाले स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांट, रिटेल भंडारकर्ता व अनुज्ञाधारक के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
धर्मकांटा पर वाहन में भरे खनिज की वैध स्थिति स्पष्ट होने पर ही वाहन का रवन्ना कन्फर्म हो सकेगा। धर्मकांटा व खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को मिनरल ट्रेकिंग सिस्टम सॉटवेयर से जोड़ा जाएगा। जिससे वाहन में खनिज भरने से लेकर गंतव्य तक पहुंचने तक की पूरी अवधि व मार्ग की ऑनलाइन निगरानी होगी।
सरकार ने खनिज का अवैध परिवहन रोकने के लिए वाहनों पर जीपीएस सिस्टम एवं टैग लगाने के निर्देश दिए हैं। इस व्यवस्था से खनिज का अवैध परिवहन करने वाले वाहन शीघ्रता से पकड़ में आएंगे। संबंधित लीज से ही ई-रवन्ना कटेगा।
जयदीप गोदारा, खनिज अभियन्ता, नागौर