लोगों की इच्छा को भुनाने में लगे हुए हैं
नागौर. गूगल पर बड़ी-बड़ी कम्पनियों की फर्जी वेबसाइट की भरमार है। कभी ब्राण्डेड माल कम दर पर घर भेजने तो कभी बड़ी कम्पनी की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर लाखों की ठगी हो रही है। वेबसाइट ही नहीं सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप/टेलीग्राम को भी साइबर ठगों ने अपना हथियार बना लिया है। ऑनलाइन पर शातिर ठगों की चाल में लोग फंस रहे हैं। नया दरवाजा निवासी रचित शाह तीन बड़ी कम्पनियों की फ्रेंचाइजी लेने के झांसे में धोखाधड़ी का शिकार हुए। करीब पंद्रह लाख रुपए गंवाने वाले शाह ने इस बात की तस्दीक ही नहीं करी कि जिन कम्पनियों से बातचीत/ऑफर मिल रहे हैं वो असली है या नकली।सूत्रों के अनुसार ओटीपी के जरिए अलग-अलग बहानों से थोड़ी-बहुत रकम पर सेंधमारी अब शातिर ठग/धोखेबाजों को रास नहीं आ रही। अब इसके नए-नए तरीके बाजार में आ रहे हैं। सबसे बड़ा तरीका जिसमें हर आम आदमी फंस रहा है, वो है गूगल सर्च। यहां हर तरह का व्यक्ति अपने काम की चीज ढूंढता है, अब वहीं से उसे फंसाना शुरू कर दिया गया है। कुछ समय पहले एक ज्योतिष की तलाश इसी तरह गूगल सर्च में एक नागौर की युवती ने की थी। पूजा-पाठ के बहाने फर्जी साइट पर मिले ठग ने हजारों की ऑनलाइन ठगी कर ली।
सूत्र बताते हैं कि लोग बिना भरोसे गूगल पर सर्च कर मिलती-जुलती कम्पनी की वेबसाइट पर भरोसा कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन से लेकर ऑनलाइन पेमेंट तक आसानी से कर देते हैं। माइण्ड वॉश ऐसा करते हैं कि लोग समझ ही नहीं पाते कि उनके साथ ठगी हो रही है या उन्हें फायदा पहुंचाया जा रहा है। महिला/युवती साडिय़ां/सौंदर्य प्रसाधन के साथ ज्वेलरी तक के ऑफर में ठगी जा चुकी हैं। यह ठगी केवल खरीदारी तक ही नहीं है, उन्हें इसका बिजनस भी ऑफर कर एडवांस मांग लिया गया, रकम खाते में ट्रांसफर करने के बाद इनके हाथ आया कुछ भी नहीं।
फर्जीवाड़ा खूब पर समझें कैसे
सूत्र बताते हैं कि सोशल मीडिया हो या गूगल पर सबकुछ मिलने का भ्रम, ज्ञान भले ही नहीं बढ़ा रहा पर ठगी खूब बढ़ा रहा है। जम्मू, हिमाचल समेत कहीं घूमने जाना है, आपने सोचा होटल बुक कर लेते हैं, बाद में पता चलता है कि फर्जी नाम/लोगो से इस होटल की वेबसाइट पर बुकिंग कर रकम और गंवा दी। ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका है। असल में पग-पग पर हर जगह साइबर ठग/धोखेबाजों ने अपना जाल फैला लिया है। पतंजलि के नाम पर दवा देने को लेकर ठगी हो चुकी है तो वैष्णो देवी के दरबार तक बिना मुश्किल ले जाने के नाम पर जेब से रकम साफ कर ली गई। जेबकतरे/लुटेरे कम तो शातिर ठग ज्यादा सक्रिय हो गए हैं, वो दिखते भी नहीं और काम भी लगा देते हैं।
नौकरी/कारोबार का जाल बिछाकर ठगी
साइबर एक्सपर्ट प्रेमराज, माधाराम, राकेश कुमार सांगवा आदि ने बातचीत में बताया कि कारोबार के साथ नौकरी का झांसा देकर भी ठगी शुरू हो गई है। साइबर ठगों ने हर तरह से लोगों की जेब हल्की करने का तरीका ढूंढ निकाला है। बात किसी डिग्री की हो या फिर नौकरी की, कारोबार की या फिर घर बैठे मोटी रकम कमाएं, सस्ते माल की या फिर देश-दुनिया को घूमने का मामूली रकम में इंतजाम करने का ऑफर। तरह-तरह के पैंतरे लोगों को मुश्किल में डाल रहे हैं। लोग बिना समझे लालच में शातिर ठगों के चंगुल में फंस रहे हैं।
इनका कहना
पूछताछ किए बिना किसी फर्जी साइट या ऑफर पर यकीन करना नुकसानदेह है। गूगल पर ब्राण्डेड कम्पनी की फर्जी वेबसाइट हैं तो अनेक फर्जी ठग नए-नए तरीके से ऑफर देकर ठगी कर रहे हैं। लोगों को सतर्क रहना चाहिए, जब तक पूरी तरह यकीन ना हो, किसी को भी रकम ट्रांसफर नहीं करनी चाहिए।
-हरीश चंद सांखला, सीआई साइबर, थाना नागौर।