सरकारी स्कूलों में पांचवीं तक के बच्चों की किताबें सप्लाई नहीं होने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित, पाठ्यपुस्तक मंडल के पास 13 दिन पहले आ चुकी किताबें, पहले ठेकेदार ने की देरी, अब ब्लॉक स्तर पर रखी है
नागौर. नए शिक्षा सत्र के दो महीने पूरे हो गए हैं, अब तक पांचवीं तक के बच्चों को किताबें नहीं मिली हैं। शिक्षकों के लिए बच्चों को बिना किताबें पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। खास बात यह है कि प्राथमिक स्तर की कक्षाओं का अगस्त माह में पहला टेस्ट लिया जा चुका है, लेकिन किताबें अब तक नहीं पहुंचाई गई है, ऐसे में बच्चे पढ़ें तो क्या?
वर्क बुक तो आठवीं तक को नहीं मिली
शहर के सरकारी स्कूल के संस्था प्रधान ने बताया कि किताबों के साथ बच्चों के लिए दी जाने वाली अंग्रेजी व हिन्दी की वर्क बुक भी अब तक नहीं मिली है। । इस साल ही नहीं, हर बार अक्टूबर-नवम्बर तक वर्क बुक की सप्लाई की जाती है। इसके कारण न तो बच्चों को पूरा फायदा मिल पाता है और न ही समय पर उसे भर पाते हैं।
लिंक भेजकर चला रहे काम
एक सरकारी शिक्षक ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से वर्क बुक और किताबों के ऑनलाइन लिंक भेजे जाते हैं और कहा जाता है कि डाउनलोड करके प्रिंट निकालकर पढ़ाओ। अब उच्चाधिकारियों को कौन समझाए कि सरकारी स्कूलों में यदि इतनी सुविधा होती तो बात क्या थी। इस बार भी अब तक किताबें मिली नहीं और संस्था प्रधानों को लिंक भेजे जा रहे हैं। एक-दो प्रिंट निकालने हो तो अलग बात है, लेकिन हर बच्चे के लिए प्रिंट कैसे निकालें।
जिले में इस प्रकार वितरित हुई किताबें
पाठ्यपुस्तक मंडल के अधिकारियों ने बताया कि नागौर जिले में पहले व दूसरे चरण में कुल 12 लाख किताबें वितरित की गई। अब तीसरे चरण की किताबें वितरित की जा रही हैं, जिसके तहत करीब साढ़े 3 लाख किताबें ब्लॉक स्तर पर सप्लाई की गई है, जहां से संबंधित पीईईओ को किताबें लेकर स्कूलों को सप्लाई देनी है। जिले में 50 हजार किताबें अब भी वितरित करना बाकी हैं।
हमने सप्लाई कर दी
तृतीय चरण की करीब साढ़े 3 लाख किताबें हमने 29 अगस्त तक ब्लॉक स्तर पर पहुंचा दी हैं। अब संबंधित पीईईओ को ब्लॉक स्तर से किताबें लेकर अपने अधीनस्थ स्कूलों में सप्लाई करनी है।
- नेमीचंद डिडेल, मुख्य प्रबंधक, राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, नागौर