नारायणपुर

CG News: नक्सली बसव राजू के शव को पर बवाल, आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट को दखल देना पड़ा

CG News: बसव राजू का शव सौंपने से छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि अंतिम संस्कार के नाम पर जुलूस निकालने की आशंका है।

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नक्सली बसव राजू के मारे जाने के बाद अब उसकी बॉडी लेकर बवाल शुरू (Photo Patrika)

CG News: देश के सबसे बड़े नक्सली बसव राजू के मारे जाने के बाद अब उसकी बॉडी लेकर बवाल शुरू हो गया। मुठभेड़ के बाद से उसकी बॉडी नारायणपुर मरच्यूरी में रखी हुई है। 21 मई को मुठभेड़ में वह मारा गया और 22 तारीख को उसके परिजन बॉडी लेने आंध्र से जगदलपुर के रास्ते नारायणपुर जा रहे थे तो उन्हें जगदलपुर में कहा कि आपको दो-तीन दिन में बॉडी दे दी जाएगी। इसके बाद परिजन सीधे आंध्र की अमरावती हाईकोर्ट पहुंच गए।

वहां कोर्ट ने याचिका पर कहा कि आप छत्तीसगढ़ पुलिस से बॉडी प्राप्त कर सकते हैं। मुठभेड़ के पांचवें दिन बसव राजू के परिजन बॉडी के लिए हाईकोर्ट का ऑर्डर लेकर नारायणपुर पहुंचे। बताया जा रहा है कि अभी उसके परिजनों को कहा गया है कि बॉडी कुछ कागजी कार्रवाई के बाद दे दी जाएगी। अब नारायणपुर में परिजन मीडिया से बात करते हुए कह रहे हैं कि मौत के बाद बॉडी देने में क्यों देरी हो रही है। कई सामाजिक कार्यकर्ता भी परिजनों के साथ नारायणपुर में डटे हुए हैं। वहीं इस मुठभेड़ में मारे गए छत्तीसगढ़ के 11 नक्सलियों की बॉडी उनके परिजनों को सौंप दी गई है।

छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने कहा- 24 मई तक शव दे देंगे

अमरावर्ती हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति हरिनाथ एन. और डॉ. वाई. लक्ष्मण राव की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता के बयान को दर्ज किया कि सभी शवों का पोस्टमार्टम 24 मई तक पूरा हो जाएगा और इसके बाद शव रिश्तेदारों को सौंप दिए जाएंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क कर शव लेने की सलाह दी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण ढंग से हो।

कहा- शव देने से कानून व्यवस्था बिगड़ेगी

केंद्र सरकार की ओर से उप महान्यायवादी ने कहा कि बसव राजू का शव सौंपने से छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि अंतिम संस्कार के नाम पर जुलूस निकालने की आशंका है।

छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश सरकार का जवाब

छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने वर्चुअल सुनवाई में कहा कि यह मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है, न कि आंध्र प्रदेश के। उन्होंने याचिकाकर्ताओं के दावों को निराधार बताते हुए कहा कि शव न लेने के दावे का कोई सबूत नहीं दिया गया। आंध्र प्रदेश के महाधिवक्ता ने भी यही रुख अपनाया और कहा कि शव आंध्र प्रदेश में नहीं हैं, इसलिए यह कोर्ट निर्देश जारी नहीं कर सकता।

Published on:
26 May 2025 09:39 am
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