नर्मदापुरम

Ramlila: 11वीं के छात्र प्रतीक निभा रहे राम का किरदार, आशिर्वाद लेने घर आते हैं लोग

MP News: नर्मदापुरम के सेठानी घाट में रावण और हनुमान का किरदार निभाने वाले कलाकार वर्षों से अभिनय कर रहे हैं....

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Ramlila

MP News: रामलीला में कई ऐसे कलाकार हैं जिनकी पहचान उनके पात्र से हो गई है। नर्मदापुरम के सेठानी घाट में रावण और हनुमान का किरदार निभाने वाले कलाकार वर्षों से अभिनय कर रहे हैं और इनको इसी रूप में पहचान मिल रही है। उधर बैतूल के गंज में बीते 15 साल से रामलीला का अभिनय करने के लिए सीधी के कलाकार आ रहे हैं जो अब यहां जाना पहचाना चेहरा हैं। रामलीला के दौरान ये एक माह से ज्यादा समय तक यहां रहते हैं।

पैर छूने लगते हैं लोग

सेठानी घाट की रामलीला में प्रतीक दुबे पिछले तीन साल से अभिनय कर रहे हैं। वे कक्षा 11वीं के छात्र हैं। प्रतीक भगवान श्रीराम का किरदार निभाते हैं। प्रतीक का कहना है कि स्कूल में सहपाठी तो उसे श्रीराम के नाम से ही बुलाते हैं। रामनवमीं के मौके पर तो कुछ लोग उनके घर पर आशीर्वाद लेने आ जाते हैं।


हनुमान जी कहकर बुलाते हैं बच्चे

रामलीला में दीपेश व्यास हनुमानजी का किरदार निभा रहे हैं। बच्चे उन्हें हनुमान कहकर बुलाते हैं। हनुमानजी की एक्टिंग करने का बोलने लगते हैं। दीपेश का कहना है इस किरदार ने एक अलग पहचान दी है। कई ऐसे मौके आते हैं लोग कहते हैं, हनुमानजी आप ही हमारी समस्या हल कर सकते हैं।

पहचान रावण के रूप में

नगर पालिका में टाइम कीपर के पद पर कार्यरत सुभाष परसाई 25 सालों से रावण और दशरथ के साथ अन्य किरदार निभा रहे हैं। लेकिन पहचान उन्हें लंकापति रावण के रूप में मिल गई है। कई बार लोग उन्हें लंकेश कहकर संबोधित करने लगते हैं। वे पूछते हैं कि आप तो रावण बनते हैं न रामलीला में।

सुभाष बताते हैं कि रावण के पात्र से ही उनको ज्यादा प्रसिद्धि मिलती है। लोग कई बार पूछते हैं कि इतने किरदार कैसे निभा लेते हैं। मेरा जवाब यही रहता है कि सब प्रभु की कृपा से होता है।

श्रीराम के किरदार का बड़ा असर

15 वर्षों से श्री राम का किरदार निभाने वाले अभिषेक तिवारी को लोग राम के नाम से संबोधित करते हैं। उनका कहना है, राम के किरदार की कोई ट्रेनिंग नहीं ली। परिवार लंबे समय से रामलीला से जुड़े है, उन्होंने भी सीख लिया।

जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर का लोकार्पण हुआ तो उस दौरान भी कई कार्यक्रमों में उन्हें बुलाया गया। प्रतीक बताते हैं कि स्कूल व अन्य जगह जाते समय कुछ लोग रास्ते में मेरे पैर छू लेते हैं। वहीं राम नवमीं पर घर पर पैर छूने और पूजा करने आ जाते हैं।

Published on:
07 Oct 2024 05:47 pm
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