नर्मदापुरम. कडकड़़ाती सर्दी में मुफ्त में रात्रि विश्राम के लिए बनाए गए रेन बसेरों में मनमानी की जा रही है। प्रशासन ने रेन बसेरों में कंबल, गद्दे, चादर का भरपूर स्टॉक रखा है।
नर्मदापुरम. कडकड़़ाती सर्दी में मुफ्त में रात्रि विश्राम के लिए बनाए गए रेन बसेरों में मनमानी की जा रही है। प्रशासन ने रेन बसेरों में कंबल, गद्दे, चादर का भरपूर स्टॉक रखा है। इसके बाद भी सर्द रात काटने वाले मुसाफिरों को राहत नहीं मिल रही हैे। कहीं यात्रियों से किराया वसूल किया जा रहा है। कहीं गददे देकर चादर नहीं दिए जा रहे हैं। पत्रिका ने गुरुवार रात को सेठानी घाट, बस स्टैंड और जिला अस्पताल के रेन बसेरा का हाल देखा तो लापरवाही उजागर हो गई।
बस स्टैंड के 25 पलंग के रेन बसेरा में रात 9.23 बजे तक 12 यात्रियों ने रात बिताने के लिए पंजीयन कराया है। इसमें पलंग पर सोने वाले यात्रियों को चादरें मिल गई लेकिन जमीन पर गद्ददे पर सो रहे यात्रियों को चादरे नहीं दी गई। रेन बसेरा में उत्तर प्रदेश के नारूपुरा के यात्री फेजल खान, दानिशा खान मिले। इन्होंने बताया कि रात रुकने के लिए दो लोगों का 70 रुपए लिया गया हैं। जब इस मामले मेे रिपोर्टर ने केयर टेकर से सवाल किया तो उसका कहना था कि दोनों यात्रियों की बाइक पार्क की है। इनके पास सामान भी है। इसलिए सुरक्षा के लिए पैसे लिए हैं।
सेठानी घाट पर स्थित रेन बसेरा नर्मदा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। यहां रात लगभग 8.30 बजे 55 से अधिक परिक्रमावासी मौजूद थे। रेन बसेरे के हाल में भजन पूजन का कार्यक्रम चल रहा था। यहां अधिकतर परिक्रमावासियों के गद्ददों पर चादर नहीं थे। कुछ परिक्रमावासियों ने गददों पर चादर के रूप में प्लास्टिक बिछाया हुआ था। केयर टेकर अजय ने बताया कि परिक्रमावासी स्वयं के कंबल में ही गुजारा करते हैं। रैन बसेरा का कंबल लेने में मना कर देते हैं। सभी को गद्दे दे दिए गए हैं।
जिला अस्पताल परिसर में स्थित रेन बसेरा में मरीजों के परिजनों के सोने के लिए सीमेंट का चबूतरा बना हुआ है। इस पर गद्दा बिछाकर लोगों को सुलाया जाता हैे। बताया जाता है कि यहां गद्दे, चादरों की कमी हैे। इसकी डिमांड भेजी गई है।