Amit Shah: अमित शाह ने कहा कि खरगे जी मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं, इनको आनंद होता है तो शायद मैं दे भी दूं। मगर इससे इनकी समस्या का अंत नहीं है।
Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अंबेडकर से जुड़े अपने बयान को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) द्वारा उनके इस्तीफे की मांग पर भी प्रतिक्रिया दी। अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि खरगे जी मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं, इनको आनंद होता है तो शायद मैं दे भी दूं। मगर इससे इनकी समस्या का अंत नहीं है। अभी पंद्रह साल तक कम से कम उनको वहीं जगह बैठना है, जहां वो बैठे हैं। खरगे साहब मेरे इस्तीफे से आपकी दाल नहीं गलने वाली है।
अमित शाह ने कहा कि खरगे जी आपका तो दायित्व बनता है क्योंकि आप उस वर्ग से आते हो जिस वर्ग के लिए बाबासाहेब अंबेडकर जी ने पूरा जीवन समर्पित किया। आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास में समर्थन नहीं करना चाहिए था। आप भी राहुल गांधी के दबाव में इसमें शामिल हुए हो।
अमित शाह ने कहा कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष होते हैं तो दलों, वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। लेकिन एक बात समान होती है कि बात तथ्यों के आधार पर होनी चाहिए। कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करता हूं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी के मन में बाबासाहेब के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो रात 12 बजे से पहले अमित शाह को उनके पद से बर्खास्त करें। BJP-RSS के लोग संविधान को नहीं मानते हैं। ये लोग मनुस्मृति को मानने वाले लोग हैं, क्योंकि उसी में स्वर्ग-नरक और जातियों के बारे में कहा और लिखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति संविधान की शपथ लेकर मंत्री बनता है और फिर संविधान का अपमान करता है, तो उसे कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है।