पालघर में एक निजी कोचिंग सेंटर के शिक्षक ने 16 वर्षीय छात्रा के साथ छेड़छाड़ की, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरी ओर, मुंबई पुलिस ने एक बांग्लादेशी नाबालिग लड़की को देह व्यापार के चंगुल से छुड़ाया और 12 से ज़्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। तीन महीने तक यौन शोषण का शिकार रही इस लड़की की कहानी बेहद भयावह है। ये दोनों घटनाएँ शिक्षा व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती हैं।
महाराष्ट्र के पालघर जिले से गुरु-शिष्य के रिश्ते को तार तार कर देने वाली खबर सामने आई है। पालघर जिले में निजी कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसपर 16 साल की छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। छात्रा ने बताया कि नाला सोपारा इलाके में कोचिंग सेंटर में केमिस्ट्री पढ़ाने वाले 42 वर्षीय टीचर ने शनिवार दोपहर उसे एक्स्ट्रा कक्षा के लिए बुलाया। इसके बाद अपने ऑफिस में ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की।
आरोपी शिक्षक की पहचान राहुल दुबे के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि शिक्षक कई दिनों से छात्रा के साथ बदसलूकी कर रहा था। फिर छेड़छाड़ से तंग आकर उसने पूरी बात अपने परिवार को बताई। इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने कोचिंग सेंटर में शिक्षक से पूछताछ की। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
महाराष्ट्र में तीन महीने तक क्रूर यौन शोषण और यौन शोषण का शिकार रही एक बांग्लादेशी नाबालिग लड़की को महाराष्ट्र पुलिस ने छुड़ाया और देह व्यापार के धंधे में सीधे तौर पर शामिल कम से कम 12 लोगों को गिरफ्तार किया।
मुंबई से लगभग 50 किलोमीटर दूर वसई के पास नायगांव से संचालित इस रैकेट ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी, जब कथित तौर पर 200 से ज्यादा पुरुषों द्वारा तीन महीने से अधिक समय तक उसके यौन शोषण और यातना के बारे में चौंकाने वाले विवरण सामने आए।
मुंबई पुलिस द्वारा वेश्यावृत्ति के इस रैकेट का भंडाफोड़ करने पर पता चला कि बांग्लादेशी लड़की के जाली दस्तावेज बनाकर उसे देह व्यापार में धकेला गया था और मानव तस्करी के इस गिरोह में कुछ महिला सदस्य भी शामिल थीं।
आईएएनएस से बात करते हुए, एक पुलिस अधिकारी ने रैकेट चलाने वालों की कार्यप्रणाली और नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के धंधे में कैसे फंसाया, इसकी जानकारी साझा की।