एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटना पर एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेक ऑफ के दौरान तकनीकी खराबी के कारण दोनों इंजन फेल हो गए। इस भयावह हादसे में 260 लोगों की जान चली गई, जिससे विमान सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक्सीडेंट को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है। जिससे पता चलता है कि विमान में कुछ खराबी के कारण टेक ऑफ के दौरान दोनों इंजन फेल हो गए और इतना बड़ा हादसा हो गया। इस दुर्घटना में 260 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जिनमें 229 यात्री, 12 चालक दल के सदस्य और 19 लोग जमीन पर थे। अब नागरिक उड्डयन विशेषज्ञ सनत कौल ने विमान हादसे के बारे में एक और नई जानकारी दी है।
मीडिया से बात करते हुए कौल ने कहा कि रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि उड़ान भरते समय विमान के इंजनों में फ्यूल की सप्लाई अचानक से बंद हो गई थी और प्लेन दुर्घटना का शिकार हो गई।
उन्होने कहा कि मैंने जो रिपोर्ट देखी है, उसके अनुसार विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कोई और कारण नहीं हो सकता है। इंजन का फ्यूल या तो गलती से बंद हो गया था या फिर वहां कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में दोनों पायलट को कुछ पता नहीं चल सका और इंजन ने अपनी स्पीड खो दी।
कौल ने आगे कहा कि ऐसा लगता है कि उड़ान भरते समय फ्यूल बंद हो गया था। वॉयस रिकॉर्डर से यह स्पष्ट होता है कि न तो कमांडर और न ही सह-पायलट ने जेट फ्यूल स्विच बंद किया था। यह स्पष्ट रूप से विमान में ही कोई खराबी थी, जिसके कारण जेट फ्यूल स्विच अपने आप बंद हो गया।
इतना ही नहीं कौल ने विमान बनाने वाली कंपनी 'बोइंग' के बारे में भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बोइंग में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। उस तरह के नए विमान के दो ऐसे उदाहरण हैं, जो उड़ान भरने के बाद फिर से नीचे गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गए और लोगों की मौत हो गई।
इन दोनों मामलों में, अंततः यह बात सामने आई कि 737 के अधिकतम संस्करणों में बदलाव किए गए थे। पायलट को स्थिति की जानकारी नहीं थी और बोइंग ने जानबूझकर ट्रेनिंग भी नहीं दी क्योंकि प्रशिक्षण में पैसा खर्च होता है और उन्हें इसका खर्च उठाना पड़ता है।
बता दें कि 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट एआई171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।