राष्ट्रीय

भारत के इस मंदिर में होती है एलियन की पूजा, पुजारी ने कहा- यह दुनिया के पहले देवता

तमिलनाडु में स्थित एक मंदिर में एलियन को भगवान मानकर उसकी पूजा की जाती है। पूजारी का दावा है कि यह एलियन भगवान शिव द्वारा बनाया गया दुनिया का पहला देवता है और दुनिया को आपदाओं से बचाएगा।

2 min read
Nov 16, 2025
तमिलनाडु के मंदिर में एलियन की पूजा (फोटो- पत्रिका ग्राफिक्स)

दुनिया में अलग अलग धर्मों के लोग रहते और वह अलग अलग रूप में ईश्वर को मानते है और उनकी पूजा करते है। लेकिन क्या आपने कभी किसी धर्म या समूदाय के लोगों को एलियन को भगवान मान कर उसकी पूजा करते देखा है। अगर नहीं तो आज की यह खबर आपको हैरान कर देगी क्योंकि भारत के तमिलनाडु में एक ऐसी भी जगह है जहां पर मंदिर में किसी देवी देवता की नहीं बल्कि एलियन की मूर्ती है और पूजारी एलियन को ही भगवान मान कर उसकी पूजा करते है।

ये भी पढ़ें

चलती ट्रेन में चोरी हुआ पर्स तो महिला ने किया कुछ ऐसा कि सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल, देखें वीडियो

पिछले साल हुई थी मंदिर की स्थापना

सेलम जिले में स्थित इस मंदिर की स्थापना पिछले साल मल्लमपट्टी के रामगौंडनूर निवासी लोगनाथन ने करवाई थी। इस मंदिर का निर्माण कार्य दो साल पहले शुरु किया गया था और अभी भी यह कार्य चल रहा है। यह मंदिर भूमि में 11 फीट नीचे बना है और इसमें काले रंग की एलियन देवता की मूर्ती स्थापित है, जिसकी लोगनाथन रोज पूजा करते है। लोगनाथन का कहना है कि उन्हें सपने में एलियन देवता दिखे थे और उसी के बाद उन्होंने यह मंदिर बनाने का फैसला लिया। उनके अनुसार, यह देवता भक्तों और दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचा सकते हैं।

भगवान शंकर का बनाया पहला देवता एलियन

लोगनाथन का दावां है कि, एलियन दुनिया के पहले देवता है जिसे भगवान शंकर ने बनाया था। उसके पास बहुत अधिक शक्तियां है और वह दुनिया को हर तरह की आपदा से बचा सकता है। साथ ही लोगनाथन ने यह भी कहा कि उसने एलियंस से बात भी की है और उन्होंने उससे कहा है कि वह दुनिया को बचाएंगे। हालांकि लोगनाथन यह भी मानते है कि एलियंस की पूजा करने पर लोग उन्हें पागल समझते है, लेकिन कुछ समय बाद लोगों को उनकी बात पर भरोसा हो जाएगा।

गुरु के मार्गदर्शन में बनाया मंदिर

एलियन देवता के अलावा इस मंदिर में विष्णु के वराह अवतार के दक्षिणी रूप, पंचमी वाराही के अलावा एक शिवलिंग भी स्थापित है। फिलहान शिवलिंग का निर्माण प्रक्रिया है जो पूरी होने के बाद उसे मंदिर के भूतल में स्थापित किया जाएगा। 10 वीं पास लोगनाथन पहले एक होटल चलाते थे और उसी दौरान उनकी मुलाकात सिद्ध भाग्य नामक एक शख्स से हुई जिसे उन्होंने बाद में अपना गुरु बना लिया। उन्हीं के मार्गदर्शन में लोगनाथन ने इस मंदिर का निर्माण किया है।

Updated on:
16 Dec 2025 01:21 pm
Published on:
16 Nov 2025 02:30 pm
Also Read
View All

अगली खबर