पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा अटैक के नाम पर वोट मांगे थे। पीएम ने कहा था कि पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट करें।
Pahalgam Attack: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में कपिल सिब्बल के साथ एक पॉडकास्ट में कहा कि यह हमला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखकर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस तरह की घटनाओं का इस्तेमाल चुनावी लाभ के लिए करती है, जैसा कि उन्होंने पुलवामा हमले और उसके बाद की सर्जिकल स्ट्राइक के संदर्भ में भी कहा। सिन्हा ने यह भी सवाल उठाया कि पहलगाम हमले के दौरान सुरक्षा बल कहां थे और बीजेपी पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया।
पॉडकास्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा अटैक के नाम पर वोट मांगे थे। पीएम ने कहा था कि पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट करें। इसलिए जो कुछ भी हुआ है उसको लेकर मैं मानता हूं कि बिहार चुनाव को लेकर किया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी पर तिरंगा यात्रा निकालकर क्रेडिट लेने का भी आरोप लगाया।
पॉडकास्ट के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि आखिर यह क्यों नहीं पूछा जा रहा कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, इसका जिम्मेदार कौन है? इस सवाल का जवाब देते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि पुलवामा का खुलासा आज तक नहीं हुआ। इसी तरह पहलगाम आतंकी हमले का भी आज तक खुलासा नहीं होगा। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आखिर पहलगाम में सुरक्षा के लिए एक भी सिपाही क्यों नहीं था? वे हमला करके भाग गए, उनके बारे में जानकारी क्यों नहीं मिल सकी। जमीन निगल गई या आसमान खा गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग भड़क गए। एक यूजर ने लिखा कि भारत में हर 2 महीने में कोई न कोई चुनाव होता है तो क्या सब चुनाव के लिए हमले होते हैं? एक अन्य यूजर ने लिखा यशवंत सिन्हा को कौन जानता है जिसका का कोई पूछ नही और न अपनी ताकत दूसरे के भरोसे कूदका मारना चाहता है। ऐसे देश विरोधी स्टेटमेंट पर मोदी जी इसे जेल मे बंद करें।
यशवंत सिन्हा एक भारतीय राजनीतिज्ञ, पूर्व नौकरशाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व वरिष्ठ नेता हैं, जो बाद में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने भारत के वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया, दोनों बार अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में। 2022 में विपक्ष ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया।