असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- आरएसएस के किसी भी सदस्य ने संघ के गठन के बाद अपनी जान कुर्बान नहीं की और न ही जेल गया।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को भारत की आजादी में आरएसएस की भूमिका पर पीएम मोदी के बयान की आलोचना की। AIMIM चीफ ने स्वतंत्रता आंदोलन में RSS के योगदान पर भी सवाल उठाया। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- मैं इस दावे से हैरान था कि आरएसएस ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। प्रधानमंत्री मोदी को लंबे-लंबे भाषण देने की आदत है।
उन्होंने आगे कहा- जहां तक मैंने पढ़ा है आरएसएस के किसी भी सदस्य ने इसके गठन के बाद अपनी जान कुर्बान नहीं की और न ही जेल गया। आप उंगली काट कर शहीदों में शामिल नहीं हो सकते।
AIMIM सांसद ने पीएम मोदी के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस ने भारत छोड़ो आंदोलन और अन्य स्वतंत्रता अभियानों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने यहा भी कहा कि आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार संघ के गठन से पहले कांग्रेस के सदस्य थे और 1930 में दांडी मार्च जैसे कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम में वास्तविक भागीदारी के बजाय दूसरों को आरएसएस में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना था।
बता दें कि AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद आया है। पीएम मोदी ने संघ को भारत की शाश्वत राष्ट्रीय चेतना का एक पुण्य अवतार बताया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद की चुनौतियों के दौरान दृढ़ता से खड़े रहने के लिए आरएसएस की सराहना की तथा भेदभाव, अस्पृश्यता से लड़ने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में इसके प्रयासों पर जोर दिया था।