हजरतबल दरगाह मामले पर बयान देते हुए कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि, हुआ तो हुआ, चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई की ज़रूरत नहीं।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्थित हजरतबल दरगाह में हाल ही में भारत के राष्ट्रीय चिन्ह, अशोक चक्र के अपमान का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां दरगाह के पुनर्निर्माण के बाद लगी एक शिलान्यास पट्टिका पर बने अशोक चक्र को लोगों ने तोड़ दिया। इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसके बाद से लोग इस घटना की कड़ी नींदा कर रहे है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है। इसी बीच अब कटिहार से कांग्रेस सांसद, तारिक अनवर का इस मामले में बयान सामने आया है। अनवर ने सोमवार को इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि, हुआ तो हुआ, लेकिन चरमपंथियों के खिलाफ किसी कार्रवाई की ज़रूरत नहीं है।
हजरतबल दरगाह में 5 सितंबर को अशोक चिह्न वाली पट्टिका तोड़ने की यह घटना हुई थी। इसके बाद से ही कश्मीर में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जहां एक तरफ लोग इसे राष्ट्रिय प्रतीक का अपमान बता रहे है वहीं दूसरी तरफ मुश्लिम समूदाय का दावा है कि दरगाह में अशोक चक्र लगाने से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस दरगाह में पैगंबर मुहम्मद का एक पवित्र अवशेष रखा हुआ है। यहां लगी पट्टिका पर अशोक चक्र लगाने से श्रद्धालुओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
उनका कहना था कि मस्जिद के अंदर किसी भी आकृति या प्रतीक को रखना इस्लाम के एकेश्वरवाद के सिद्धांत के खिलाफ है। इसी के चलते शुक्रवार की नमाज़ के बाद, कुछ अज्ञात लोगों ने इस पट्टिका को तोड़ कर हटा दिया, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। पुलिस इस घटना में शामिल लोगों की तलाश कर रही है। घटना के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच की मदद से अभी तक 50 लोगों को हिरासत में भी लिया जा चुका है।
इस मामले को लेकर राजनैतिक पार्टियों के अलग अलग विचार सामने आ रहे है। पीडीपी और सीपीआई(एम) जैसे दल जहां राष्ट्रीय प्रतिक के अपमान को नजरअंदाज कर मस्जिद में अशोक चक्र लगाने को गलत बता रहे है, वहीं भाजपा ने इस घटना की निंदा की है। भाजपा का दावा है कि यह घटना कश्मीर घाटी में आतंकवाद और अलगाववाद को फिर से जीवित करने का एक प्रयास है।