आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अगली पीढ़ी की रणनीति तैयार करने पर मंथन जारी। इसमें सुरक्षा एजेंसियों के वरीय अधिकारी व एक्सपर्ट्स हिस्सा ले रहे हैं। जानिए सम्मेलन में गृहमंत्री ने क्या कहा...
देश में आतंकवाद के नए-नए तरीकों से निपटने के लिए सभी राज्यों में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) का एक जैसा ढांचा बनेगा। वहीं केंद्र के पास संगठित अपराधियों, ड्रग माफियाओं और हथियार तस्करों के नेटवर्क के डेटा के एक साथ उपयोग से आतंक समर्थक गतिविधियों पर लगाम लगाई जाएगी। इन सब उपायों व एजेंसियों में परस्पर समन्यवय के माध्यम से बनी आतंकवाद निरोधी ग्रिड देश को सुरक्षित करेगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यहां आतंकवाद निरोधी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह जानकारी दी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने यह दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया है। सम्मेलन में एनआइए के नए सिरे से तैयार अपराध मैनुअल, हथियार ई-डेटाबेस और संगठित अपराध नेटवर्क डेटाबेस की शुरुआत की गई। गृह मंत्री ने कहा कि एनआइए ने सभी राज्यों को कॉमन एटीएस स्ट्रक्चर बनाकर भेजा है जिस पर राज्यों के डीजीपी एक्शन मोड में काम करें।
गृहमंत्री ने कहा कि संगठित अपराध नेटवर्क शुरूआत में तो फिरौती और उगाही के लिए काम करते हैं, लेकिन जब इनके सरगना विदेशों में जाकर बैठ जाते हैं तो वे अपने आप आतंकवादी संगठनों के संपर्क में आ जाते हैं और फिरौती और धन उगाही का उपयोग देश में आतंकवाद फैलाने के लिए करते हैं। ऐसे में आज जारी किए गए नए डेटा और नेटग्रिड के डेटा का उपयोग कर इस नेटवर्क काे समाप्त करें।
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि लालकिले के पास हुए विस्फोट में 40 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। पहलगाम और दिल्ली विस्फोट के मामले सामान्य ‘पुलिसिंग’ के उदाहरण नहीं हैं, बल्कि पुख्ता जांच के असाधारण उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का स्वरूप बदल गया है। ऐसे खतरों से निपटने के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय ग्रिड विकसित करना जरूरी है।
गृहमंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का हमने एक पूर्ण और सफल इन्वेस्टिगेशन किया है, जिसे पूरी दुनिया की एजेसियां आने वाले दिनों में स्टडी करेंगी। पहलगाम आतंकी हमले की जांच के नतीजे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करेंगी।