Report on Bangalore Stampede: IPL के बाद RCB ने अपनी जीत का जश्न मनाया लेकिन वह एक भयानक हादसे में बदल गया। हाल ही में इस घटना की जांच के लिए गठित जस्टिस जॉन माइकल डी'कुन्हा की एकल न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
RCB Victory Celebration: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत के जश्न के दौरान हुई भयावह भगदड़ (Bangalore Stampede) में 11 लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक घायल हो गए। इस घटना की जांच के लिए गठित जस्टिस जॉन माइकल डी'कुन्हा की एकल न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
लाइसेंस की कमी: जांच में सामने आया कि RCB ने इस आयोजन के लिए पुलिस से कोई पूर्व अनुमति या लाइसेंस नहीं लिया था। यह आयोजन बिना किसी वैधानिक मंजूरी के किया गया, जो भीड़ प्रबंधन में विफलता का प्रमुख कारण बना।
सुरक्षा में भारी चूक: आयोग ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA), RCB, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स और बेंगलुरु पुलिस को इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया। स्टेडियम के बाहर केवल 79 पुलिसकर्मी तैनात थे, जो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अपर्याप्त थे। इसके अलावा, कोई अतिरिक्त पुलिस बल या पर्याप्त एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं थी।
प्रतिक्रिया में देरी: भगदड़ दोपहर 3:25 बजे हुई, लेकिन पुलिस आयुक्त को इसकी जानकारी शाम 5:30 बजे दी गई, जिसके कारण राहत कार्य में देरी हुई।
भीड़ प्रबंधन में लापरवाही: आयोजन में डिजिटल टिकटों के बजाय फिजिकल टिकटों का उपयोग किया गया, जिससे अव्यवस्था बढ़ी। भीड़ नियंत्रण और समन्वय में गंभीर खामियां पाई गईं।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इस स्टेटस रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा, गोपनीयता या जनहित जैसे कोई आधार नहीं हैं, जो रिपोर्ट को सीलबंद रखने का औचित्य सिद्ध करें। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि यह रिपोर्ट KSCA, RCB और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के साथ साझा की जाए और इसे सार्वजनिक किया जाए।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को जस्टिस डी'कुन्हा ने 11 जुलाई को यह दो खंडों वाली रिपोर्ट सौंपी। सीएम ने कहा कि वे अभी पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ पाए हैं, लेकिन इसे 17 जुलाई को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष चर्चा के लिए रखा जाएगा।
इस घटना के बाद RCB, KSCA और डीएनए एंटरटेनमेंट के खिलाफ लापरवाही और गैर-इरादतन हत्या के लिए कई FIR दर्ज की गईं। सरकार ने बेंगलुरु पुलिस आयुक्त सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया। कर्नाटक हाई कोर्ट ने CID को जांच जारी रखने की अनुमति दी, लेकिन अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने से पहले कोर्ट की अनुमति लेने का निर्देश दिया।