बिहार चुनाव परिणामों के शुरुआती रुझानों को देखते हुए NDA भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है। चुनाव आयोग के अनसुार, NDA 192 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन सिर्फ 47 सीटों तक सिमट कर रह गई है।
बिहार चुनाव (Bihar Election) में वोटों की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और इसी के साथ परिणाम भी साफ होते नजर आ रहे है। यहां 243 सीटों पर सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी महागठबंधन के बीच मुकाबला था। जिसमें से NDA ने 200 पार सीटों पर बढ़त बनाई हुए है और महागठबंधन काफी पिछड़ गया है। यह आंकड़ें साफ दर्शातें है कि NDA एक बार फिर भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटने जा रही है और राज्य में 10 वीं बार नीतीश कुमार की सरकार बनने जा रही है।
91 सीटों पर बढ़त के साथ बीजेपी NDA की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। वहीं पिछली बार 43 सीटों पर सिमटी JDU इस बार 84 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। हालांकि बिना जयदू के भी NDA के अन्य दलों को इतनी सीटें मिल गई है कि वह राज्य में सरकार बना सकती है। ऐसे में देखना होगा की बीजेपी नीतीश को ही NDA का सीएम बनाती है या इस बार अपनी पार्टी से किसी चेहरे को मौका देती है। परिणामों में NDA की बढ़त से न सिर्फ इसमें शामिल दलों में बल्कि उनके समर्थकों में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। एनडीए के प्रमुख दलों में जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारतीय जनता पार्टी (BJP), लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) शामिल हैं।
विपक्षी महागठबंधन की बात की जाए तो वह सिर्फ 39 सीटों तक सिमट के रह गई है। विपक्षी दलों के सीएम उम्मीदवार ने जोश में आकर 18 नवंबर को शपथ लेने का दावा किया था लेकिन इन परिणाम इसके बिल्कुल विपरित दिखाई दे रहे है। परिणाम पूरी तरह से साफ हो उससे पहले ही विपक्ष ने चुनाव आयोग पर अपनी हार का ठिकरा फोड़ना शुरु कर दिया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, शुरुआती रुझान ही बता रहे हैं कि ज्ञानेश कुमार (मुख्य चुनाव आयुक्त) बिहार की जनता के ख़िलाफ़ कामयाब होते दिख रहे हैं। ये लड़ाई बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू के बीच नहीं है। ये ज्ञानेश कुमार और भारत की जनता के बीच सीधी लड़ाई है।