विआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने चुनाव परिणाम आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, उन्होंने महिलाओं को 1 लाख 90 हजार रुपये देने का वादा किया। लोग गरीब हैं, और इसीलिए उन्होंने उन्हें वोट दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे अब लगभग साफ हो गए है। NDA भारी बहुमत के साथ 200 पार सीटों पर जीत हासिल कर के फिर से सरकार बनाने जा रही है। वहीं बात की जाए विपक्षी गठबंधन की इन चुनावों में विपक्षी दलों की भारी किरकिरी हुई। महागठबंधन सिर्फ 32 सीटों पर आगे है जिसमें से 27 सीटों पर राजद ने बढ़त बनाई है। 61 सीटों पर लड़ने वाली कांग्रेस की बात की जाए तो वह सिर्फ दो सीटों पर जीतती नजर आ रही है। विपक्षी गठबंधन में शामिल कई दल तो ऐसे है जो इन चुनावों में अपना खाता खोलने में भी असमर्थ रहे है। इन्हीं में से एक मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) है, जिसका पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया।
बूरी तरह से हारने के बाद भी सहनी अभी तीखे तेवर में है और अपनी नाकामी की जिम्मेदारी लेने की बजाय जनता को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे है। सहनी का कहना है कि जनता नासमझ और गरीब है इसिलिए उन्होंने NDA को वोट दिया। वोटों की गिनती के दौरान जब सहनी से मीडिया ने NDA की जीत को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, हमने जनता के लिए लड़ाई लड़ी और लोगों को सब कुछ बताकर अपना कर्तव्य पूरा किया। यह जनता पर निर्भर है, और वे (जनता) समझ नहीं पाई, इसलिए उन्होंने अपना जनादेश बीजेपी और नीतीश जी को दिया।
सहनी ने यह भी कहा कि NDA ने जनता को जो पैसे देने की घोषणा की थी उसी के चलते वह जीते है। सहनी ने कहा, मैं उन्हें बधाई देता हूं, लेकिन उनकी जीत के पीछे कई कारण हैं। उन्होंने महिलाओं को 1 लाख 90 हजार रुपये देने का वादा किया। लोग गरीब हैं, और इसीलिए उन्होंने उन्हें वोट दिया। चुनावों में हार के बाद सहनी का बयान शर्मनाक है। वह अपनी हार की जिम्मेदारी लेने की बजाय जनता को नासमझ बता रहे जो कि पूरी तरह से गलत है।
महागठबंधन की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के सपने देखने वाले सहनी की इन चुनावों में बूरी हार हुई है। उनकी पार्टी एक सीट पर भी जीत हासिल नहीं कर पाई। सहानी की पार्टी के 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे लेकिन इनमें से एक को भी बढ़त मिलती नहीं दिख रही है। अखिलेश ने सहनी और उनकी पार्टी पर भरोसा कर के उन्हें उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन वह गठबंधन के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद साबित नहीं हुए।