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बिहार चुनाव: RJD विधायक रीतलाल यादव के घर रेड, बीजेपी के कद्दावर नेता से है टक्कर

Bihar elections: दानापुर से राजद प्रत्याशी के घर पुलिस ने रेड मारी है। इधर, मोकामा में हुई गोलीबारी का मामला सियासी तूल पकड़ चुका है। जानिए इस पर तेजस्वी ने क्या कहा...

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Oct 31, 2025
रीतलाल यादव के घर रेड (फोटो- सोशल मीडिया)

Bihar elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है। आज दानापुर से राजद (RJD) प्रत्याशी व विधायक रीतलाल यादव (Ritlal Yadav) के घर पर पुलिस ने रेड की है। आरोप है कि रीतलाल‎ यादव के परिजनों ने स्थानीय लोगों को डराया धमकाया है। साथ ही, वोटिंग के दिन राजद को वोट देने को कहा है। रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू कुमारी ने बताया कि मेरे घर पर बहुत सारी पुलिस आ जाती है और कहती है कि आप चुनाव प्रचार कर रहे हैं, धमकी देकर वोट मांग रहे हैं। मेरे बच्चों को भी बोल रहे हैं कि तुमको भी जेल में डालेंगे। यहां से बीजेपी (BJP) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को प्रत्याशी बनाया है। इधर, मोकामा की घटना पर बिहार में माहौल गरमा गया है।

मोकामा में हुई गोलीबारी पर सियासत तेज

तेजस्वी यादव ने मोकामा में हुई गोलीबारी और मौत के मामले में सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। महागठबंधन की तरफ से सीएम फेस तेजस्वी यादव ने कहा कि आचार संहिता में कैसे कुछ लोग बंदूक लेकर घूस रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में हिंसा की कोई जरूरत नहीं है। हम कभी हिंसा के पक्षधर नहीं रहे हैं। प्रधानमंत्री 30 साल पुरानी बातें करते हैं, लेकिन 30 मिनट पहले क्या हुआ? इसको याद नहीं करते हैं। सीवान में ASI की गला रेतकर हत्या कर दी गई। मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई। ये क्या है?

मुजरा बोलने वालों को नाच शब्द पर आपत्ति

राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत की है। इस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी मुद्दाविहीन पार्टी बन चुकी है। जिस पार्टी के प्रधानमंत्री 'मुजरा' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हों, वो 'नाच' जैसे शब्द पर आपत्ति जता रहे हैं। बीजेपी के पास न कोई विजन है और न ही कोई रोड मैप है।

आज समस्तीपुर में सीएम नीतीश की रैली

आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समस्तीपुर में जनसभा करेंगे। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर 2005 से पहले की सरकार की याद दिलाई। उन्होंने लिखा- साल 2005 से पहले बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ गया था। विकास के कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गए थे। आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए कोई काम नहीं होता था। नये भवनों का निर्माण तो दूर की बात थी, पहले से बने भवनों का रखरखाव और जीर्णोद्धार तक नहीं हो पाता था।

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