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अडानी ग्रुप को 1050 एकड़ जमीन गिफ्ट में देने के विरोध में बिहार कांग्रेस का प्रदर्शन, सरकार ने आरोपों का किया खंडन

बिहार सरकार ने अडानी समूह को 1,050 एकड़ जमीन उपहार में देने के आरोपों से इनकार करते हुए गलत सूचना फैलाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने पटना में प्रदर्शन का आयोजन किया है।

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Sep 18, 2025
बिहार सरकार ने अडानी समूह को 1,050 एकड़ जमीन उपहार में देने के आरोपों से इनकार किया (प्रतिकात्मक तस्वीर)

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बिहार के भागलपुर में पावर प्लांट लगाने के लिए 1,050 एकड़ जमीन अडानी ग्रुप को गिफ्ट में दे दी है। मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के प्रमुख पवन खेड़ा ने दिल्ली में स्थित कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर कहा था कि बिजेपी बिहार चुनाव में हराने वाली है इसलिए जाने से पहले वह सारी चीजें गौतम अडाणी को सौंप रही है। इसे लेकर कांग्रेस ने आज राजधानी पटना में विरोध प्रदर्शन का आयोजन भी किया है। लेकिन इसी बीच बिहार सरकार ने इस मामले पर बयान देते हुए कांग्रेस को सभी आरोपों का खंडन कर दिया है। साथ ही बिहार सरकार ने गलत सूचना फैलाने के लिए कांग्रेस की आलोचना भी की है।

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उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया आरोपों का खंडन

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने मामले पर बयान देते हुए कांग्रेस के उन सभी आरोपों का गलत बताया जिसमें सरकार के 2400 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने के लिए अडानी ग्रुप को सिर्फ एक रुपये प्रतिवर्ष की कीमत पर 1,050 एकड़ जमीन देने की बात कही गई थी। मिश्रा ने मामले पर बात करते हुए यह साफ कर दिया है कि यह प्रोजेक्ट सबसे कम बोली के आधार पर अडानी ग्रुप को दिया गया है। उन्होंने कहा, इस मामले में टेंडरिंग प्रोसेस का पूरी तरह पालन किया गया। बोली प्रक्रिया में चार कंपनियों ने भाग लिया था और सबसे कम रेट पर बिजली सप्लाई देने के आधार पर प्रोजेक्ट अडानी पावर लिमिटेड को सौंप दिया गया।

कांग्रेस ने पटना में प्रदर्शन का आयोजन किया

लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने इस मामले पर प्रदर्शन जारी रखा है और केंद्र सरकार पर लोगों की जमीन जबरदस्ती लेने का आरोप लगाया है। इसी कड़ी में आज राजधानी पटना में कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा, भागलपुर में अडानी को सिर्फ एक रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन दी गई है। इस विरोध प्रदर्शन के जरिए हम अडानी और प्रधानमंत्री को संदेश देना चाहते हैं कि वोट चोरी का मतलब किसानों के अधिकारों की चोरी है।

अडानी ग्रुप पहले ही दे चुका मामले पर सफाई

वहीं अडानी ग्रुप पहले ही इस मामले में बयान जारी कर इन आरोपों को झूठा बता चुका है। अडानी ग्रुप ने 13 सितंबर को एक प्रेस रिलीज के जरिए यह बताया था कि, उनकी कंपनी को 6.075 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की सबसे कम सप्लाई रेट की पेशकश करके यह प्रोजेक्ट मिला है। इस प्रेस रिलीज में बताया गया था कि, नए प्लांट के निर्माण में कंपनी लगभग 26000 करोड़ रुपये लगाएगी और इसे 5 सालों में शुरु कर दिया जाएगा।

Updated on:
18 Sept 2025 01:59 pm
Published on:
18 Sept 2025 01:49 pm
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