BJP हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार एंटी इंकमबेंसी से जूझ रही है। यही वजह है कि पार्टी ने अबतक 27 नए चेहरों को टिकट दिया। पार्टी में बगावत की पूरी कहानी बता रहे हैं पत्रिका के वरिष्ठ रिपोर्टर नवनीत मिश्र।
Haryana Assembly Election 2024: भाजपा ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 67 उम्मीदवारों की सूची में अगड़ा, पिछड़ा और दलितों सभी को साधने की भरपूर कोशिश की है। पार्टी ने 27 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारकर और सर्वस्पर्शी (सभी जातियों) उम्मीदवार सूची 10 साल की सत्ताविरोधी लहर को पस्त करने की कोशिश की है लेकिन टिकट कटने पर नाराज ऊर्जा और जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला (Ranjit Singh Chautala) और विधायक लक्ष्मण दास नापा (Laxman Das Napa) सहित 20 नेता बगावत पर उतर आए हैं। पार्टी इन्हें समझाने में जुटी है।
दरअसल 10 साल से सत्ता में बैठी भाजपा को इस बार सबसे बड़ा खतरा एंटी-इंकमबेंसी से है। इससे पार पाने के लिए पार्टी ने ओबीसी में भी ऐसी जातियों के चेहरों को गोलबंद करने की कोशिश की है, जो राजनीतिक रूप से बहुत मुखर नहीं हैं लेकिन चुनाव परिणाम पर बहुत असर डालती हैं। पिछड़े वर्ग को इस चुनाव में भी तरजीह देते हुए 67 में 14 टिकट दिए हैं जिसमें गुर्जर, यादव, कश्यप, कुम्हार, कंबोज, और सैनी आदि को मौका मिला है।
भाजपा ने आठ पंजाबियों, 5-5 यादव और गुर्जर नेताओं को मौका दिया है। चुनाव की दिशा तय करने में दलितों के वोटों की अहम भूमिका को देखते हुए भाजपा ने दलितों की सभी उपजातियों बाल्मिकी, धानुक, बावरिया और बाजीगर के साथ जाटव समाज को भी प्रत्याशी सूची में प्राथमिकता दी है। भाजपा ने अपने कोर वोट बैंक ब्राह्मण, बनिया, राजपूत को तो साधा ही है वहीं विश्नोई, जाट, पंजाबी, सिख, जाट सिख को भी टिकट दिया है। पहली सूची में आठ महिलाओं को मौका दिया गया है।
अपने इलाके में जाति विशेष में गहरी पैठ रखने वाले आधे दर्जन नेताओं के बेटे-बेटियों को भी टिकट देने से जिस तरह से भाजपा ने परहेज नहीं किया। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती, राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई, राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की मां शक्ति रानी शर्मा, सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान, करतारसिंह भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को चुनाव मैदान में उतारा है।