Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 साल पुराने एक मामले में महाराष्ट्र सरकार और अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। न्यू ईयर पार्टी में बिना अनुमति शराब परोसने और मानसिक विकलांग लड़कियों को बार डांसरों के साथ नृत्य के लिए मजबूर करने के मामले में जांच और कार्रवाई नहीं करने से कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
Bombay High Court: करीब 12 साल पहले न्यू ईयर पार्टी में बिना अनुमति शराब परोसने और मानसिक विकलांग लड़कियों को बार डांसरों के साथ नृत्य के लिए मजबूर करने के चर्चित मामले में जांच व कार्रवाई नहीं करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस आलोक अराघे और जस्टिस संदीप मार्ने की बेंच ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए, आज आप कह रहे हैं कि जांच करनी होगी… क्या आप इस तरह से ऐसे संवेदनशील मामलों का संचालन किया जाता है।
कोर्ट ने कहा कि एक याचिका को इस तरह लंबित नहीं रखा जा सकता। आप गलत काम करने वालों को बचा नहीं सकते। कार्रवाई की जानी चाहिए। क्या आपने कोई जांच की है? आपने क्या कार्रवाई की है? हम अवमानना शुरू करेंगे। बेंच ने विभागीय आयुक्त को घटना की जांच कर छह सप्ताह में सरकार को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। साथ ही सरकार को इस रिपोर्ट पर तीन माह में अनुपालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता संगीता संदीप पुणेकर की ओर से 2014 में दायर जनहित याचिका की सुनवाई पर यह टिप्पणियां की और निर्देश दिए। पुणेकर ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने मामले को दबा दिया और ट्रॉम्बे पुलिस ने पार्टी आयोजकों को क्लीन चिट दे दी। घटना की कभी जांच ही नहीं की गई। कोर्ट ने अगस्त 2014 में ही घटना की जांच के निर्देश दिए थे लेकिन इसकी पालना नहीं की गई।