Budget Expectations 2024: आम बजट के जरिए केंद्र सरकार इस बार किसानों के लिए खजाना खोल सकती है। जानें बजट 2024 में क्या क्या हो सकता है ऐलान
Budget Expectations 2024: आम बजट के जरिए केंद्र सरकार इस बार किसानों के लिए खजाना खोल सकती है। माना जा रहा है कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट बढ़ाने से लेकर कृषि उपकरणों पर सब्सिडी बढ़ाए जाने समेत कई रियायतें देने का भी ऐलान कर सकती है। किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) से जुड़े धनराशि को भी बढ़ाए जाने की पूरी संभावना है। पार्टी से जुड़े संगठन और केंद्र सरकार को समर्थन दे रहे राजनीतिक दल भी चाहते हैं कि सरकार किसानों के हित में बड़े फैसले ले। इससे देशभर में किसानों के बीच स्पष्ट संदेश जाए कि सरकार खेती-किसानी को लेकर गंभीरता से काम कर रही है।
पीएम किसान सम्मान निधि: (PM Kisan Samman Nidhi)
किसान संगठनों ने किसान सम्मान निधि को बढ़ाने की मांग की है। सरकार ने वर्ष 2018-19 में किसानों को 6,000 रुपए सालाना देने का प्रावधान किया, उसके बाद से लगातार महंगाई बढ़ी है और किसानों की लागत भी। इसे देखते हुए सम्मान निधि का राशि को बढ़ाकर 10-12 हजार रुपए सालाना कर देना चाहिए। सरकार इस निधि को बढ़ाकर सालाना 8,000 रुपए कर सकती है।
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card):
अभी केसीसी पर 3 लाख रुपए का एग्रीकल्चर लोन सालाना 7% ब्याज दर पर किसानो को मिल रहा है, जिसमें 3% की सब्सिडी सरकार देती है। यानी किसानों को यह ऋण सालाना 4% ब्याज दर पर मिलता है। महंगाई बढऩे के साथ कृषि लागत में हुए इजाफे को देखते हुए सरकार 3 लाख की लिमिट को बढ़ाकर 4 से 5 लाख रुपए कर सकती है।
सोलर पंप (Solar Pump):
देशभर में किसानों को सिंचाई के लिए केंद्र सरकार सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैया करा रही है। अलग-अलग किलोवॉट के पंप प्रदान किए जा रहे हैं। किसान संगठन चाहते हैं कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि सोलर पंप से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल चक्की चलाने, चारा काटने और घरेलू उपयोग के भी हो सके। बजट में इसकी घोषणा हो सकती है।
टैक्स दरों में कटौती (Income Tax Rates Cut):
कृषि उपकरणों की खरीद पर केंद्र सरकार जीएसटी वसूलती है। किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार कृषि उपकरणों पर लगने वाली GST को हटाए या फिर किसानों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ दे। सूत्रों के मुताबिक, बजट में सरकार कृषि उपकरणों पर जीएसटी की दरों को कम कर सकती है या ज्यादा सब्सिडी देने का फैसला कर सकती है।