दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि शुरुआती चरण में जांच चल रही है। आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को पेश किया गया। कोर्ट से उनको पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा से गिरफ्तार करने के बाद सफदरगंज अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया था। पुलिस ने चैतन्यानंद के पास से एक आईपैड और तीन फोन भी बरामद किए।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि शुरुआती चरण में जांच चल रही है। आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। चैतन्यानंद का संस्थान पर पूरी तरह से नियंत्रण था। वह संस्थान का कुलपति की भूमिका में था। अब तक 16 छात्राओं ने अपने बयान में यौन उत्पीड़न की पुष्टि की है।
बता दें कि आरोपी स्वामी चैतन्यानंद से जुड़े करीब 8 करोड़ रुपये दिल्ली पुलिस ने जब्त किए हैं। यह रकम 18 बैंक खातों और 28 सावधि जमाओं में जमा थी, जिसे पुलिस ने फ्रीज कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये रुपये उनके द्वारा बनाए गए ट्रस्ट में जमा होते थे।
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती गिरफ्तारी से बचने के लिए कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के वृंदावन, मथुरा और आगरा में जगहें और होटल बदलता रहा और टैक्सियों का इस्तेमाल करता रहा। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सस्ते होटलों में रुकता था।
पुलिस को उसके पास से फर्जी विजिटिंग कार्ड भी मिले, जिनमें वह खुद को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) से जुड़ा हुआ स्थायी राजदूत तथा ब्रिक्स आयोग का सदस्य बता रहा है।
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि उन्होंने लड़कियों के बाथरूम के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे, लेकिन बाद में सभी फुटेज डिलीट कर दिए गए।
एक पीड़िता ने बताया कि अक्टूबर 2024 में एडमिशन के बाद दीपावली से पहले चैतन्यानंद से उसकी पहली मुलाकात हुई। इस दौरान स्वामी ने उसे अजीब नजरों से देखा और डिमोटिवेट करने वाली बातें की। होली के अवसर पर सभी छात्राओं को लाइन में खड़ा कर स्वामी को सबसे पहले रंग लगाने का आदेश दिया गया। होली के बाद चैतन्यानंद ने छात्रा को अपने ऑफिस बुलाकर जबरन वीडियो रिकॉर्डिंग की और आपत्तिजनक बातें कही।