ओपनएआई, एनपीसीआई और रेजरपे ने मिलकर चैटजीपीटी में यूपीआई पेमेंट्स इंटीग्रेट करने का पायलट शुरू किया है, जिससे यूजर्स बिना ऐप बदले शॉपिंग और पेमेंट कर सकेंगे।
डिजिटल पेमेंट्स (Digital Paytments) की दुनिया में एक नया दौर शुरू होने वाला है। ओपनएआई (Open AI), भारत की नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और फिनटेक कंपनी रेजरपे के साथ मिलकर चैटजीपीटी (ChatGPT) पर यूपीआई पेमेंट्स (UPI) को एकीकृत करने का पायलट प्रोग्राम लॉन्च कर चुका है। अब यूजर्स चैटजीपीटी के अंदर ही प्रोडक्ट्स खोज सकते हैं, शॉपिंग (Shopping) कर सकते हैं और यूपीआई से सीधे पेमेंट पूरा कर सकते हैं बिना ऐप स्विच किए।
यह "एजेंटिक पेमेंट्स" नाम का इनोवेटिव सिस्टम है, जहां चैटजीपीटी एक पर्सनल शॉपिंग एजेंट की तरह काम करता है। पायलट में एक्सिस बैंक और एयरटेल पेमेंट्स बैंक पार्टनर बैंक्स हैं, जबकि टाटा ग्रुप की बिगबास्केट और वोडाफोन आइडिया पहली प्लेटफॉर्म्स में शामिल हैं। यूजर्स को यूपीआई रिजर्व पे फीचर से फंड्स रिजर्व करने का ऑप्शन मिलेगा, जो सिक्योरिटी बढ़ाता है। हर ट्रांजेक्शन यूजर की कन्फर्मेशन के बिना नहीं होगा, और रीयल-टाइम ट्रैकिंग उपलब्ध रहेगी।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में एनपीसीआई ने कई नई इनिशिएटिव्स अनवेल किए, जिनमें ये पायलट प्रमुख है। इसके अलावा, एनपीसीआई का अपना स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (एसएलएम) से पावर्ड "यूपीआई हेल्प" लॉन्च हुआ है, जो पेमेंट्स, मंडेट्स और डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन में मदद करेगा। यूपीआई, जो हर महीने 20 बिलियन से ज्यादा ट्रांजेक्शन्स हैंडल करता है, अब एआई के साथ और स्मार्ट हो रहा है।
पार्टनर्स ने जोर दिया कि डेटा प्राइवेसी, सिक्योरिटी और रेगुलेटरी कंप्लायंस टॉप प्रायोरिटी हैं। यूजर्स को स्पेंडिंग लिमिट्स सेट करने का ऑप्शन मिलेगा, और ट्रांजेक्शन हमेशा कन्फर्मेशन के बाद ही होगा।