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CJI Chandrachud को निपटाने हैं कई अहम फैसले, यहां देंखे पूरी लिस्ट, जानें कब होंगे रिटायर

डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) बहुत जल्द भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर होने वाले हैं लेकिन उनकी बेंच को अभी देश के बहुत सारे महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाना है। आइए यहां जानते हैं उनके पास कौन कौन से मामले हैं।

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Know CJI Chandrachud retirement date : देश के 50वें चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) आगामी 10 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे और आठ नवंबर को उनका अंतिम वर्किंग डे है। डीवाई चंद्रचूड़ को 9 नवंबर 2022 को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। करीब दो साल तक देश की न्यायपालिका के मुखिया रहे सीजेआइ चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ में कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला लंबित है। आइए देखते हैं कि आने वाले दिनों में चंद्रचूड़ बेंच कौन कौन से महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुना सकती है।

ये फैसले लंबित

  • AMU को अल्पसंख्यक दर्जा-सात जजों की बेंच ने फरवरी में यह फैसला सुरक्षित रखा था। इसमें तय होगा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है या नहीं?
  • क्या प्रक्रिया शुरू होने के बाद भर्ती नियमों में संशोधन वैध?सात जजों की संविधान बेंच ये तय करेगी कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद योग्यता आदिनियमों में बदलाव किया जा सकता है या नहीं? इस मामले में जुलाई 2023 में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा गया। यह मामला राजस्थान से जुड़ा है।
  • क्या असम NRC वैध है?असम में एनआरसी से जुड़े दस मामले में नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6A को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच जजों की संविधान पीठ अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में दिसंबर 2023 में आदेश सुरक्षित रखा गया था।
  • औद्योगिक एल्कोहल पर नियंत्रण किसका?

सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच ने केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के विभाजन और वित्तीय निहितार्थों के संबंध में फैसला सुनाएगी कि राज्यों या केंद्र में से औद्योगिक शराब को रेग्युलेट करने का अधिकार किसका है? इस मामले में अप्रैल 2024 में फैसला सुरक्षित रखा गया था।

क्या केंद्र के पास वेल्थ री-डिस्ट्रीब्यूशन का अधिकार है?

नौ जजों की संविधान पीठ तय करेगी कि केंद्र सरकार के पास निजी संपत्ति को अधिग्रहित कर इसे लोगों में बांटने का अधिकार है या नहीं? संविधान का अनुच्छेद 39(बी) के तहत यह आता है या नहीं?

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