न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली है। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले 235 मेहमानों की लिस्ट सीजेआई ने खुद तैयार की है। इसमें उनके पुराने दोस्तों और प्रोफेसरों के साथ साथ गांव के बुजुर्ग भी शामिल है।
जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ले ली है। हरियाणा के हिसार में जन्में जस्टिस सूर्यकांत का देश के मुख्य न्यायाधीश बनने का सफर काफी प्रेरणादायक रहा। खास बात यह है कि इस सफर के दौरान जिन जिन लोगों ने जस्टिस सूर्यकांत की जिंदगी और करियर को इस मुकाम पर पहुंचाने में खास भूमिका निभाई उन्हें वह आज अपनी इस सबसे बड़ी सफलता के क्षण में भी नहीं भूले। आज राष्ट्रपति भवन में जब जस्टिस सूर्यकांत ने CJI पद की शपथ ली तो उनके पुराने दोस्तों और प्रोफेसरों समेत गांव के बुजुर्ग भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
खबरों के अनुसार, इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जस्टिस सूर्यकांत ने खुद अपने हाथों से 235 मेहमानों की लिस्ट तैयार की थी। वह चाहते थे कि जिन भी लोगों ने यहां तक पहुंचने में उनका साथ दिया वह सभी इस सफलता के क्षण में उनके साथ हो। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार सुबह करीब 10 बजे जस्टिस सूर्यकांत को CJI पद की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में करीब 1000 लोगों ने हिस्सा लिया। लेकिन राष्ट्रपति भवन में बैठकर इस कार्यक्रम को सिर्फ वहीं 235 मेहमान देख सके जिन्हें खुद जस्टिस सूर्यकांत ने चुना था। सुप्रीम कोर्ट के ऑडिटोरियम में इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जा रहा था और बाकि लोगों ने वहीं से यह कार्यक्रम देखा।
शपथ समारोह में शामिल होने हिसार से जस्टिस सूर्यकांत का परिवार पहुंचा था। परिवार के अलावा जस्टिस सूर्यकांत ने अपने गांव के हर समुदाय के वरिष्ठ नागरिकों को भी इस कार्यक्रम में बुलाया। इसके अलावा जस्टिस सूर्यकांत की हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की टीचर उषा दहिया और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के उनके प्रोफेसर रणबीर सिंह और के.पी.एस मेहलवाल ने भी राष्ट्रपति भवन में यह कार्यक्रम देखा। स्कूल और कॉलेज के पूराने दोस्तों के साथ साथ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में उनके कार्यकाल के दौरान उनका मार्गदर्शन करने वाले वरिष्ठ वकीलों को भी जस्टिस सूर्यकांत ने इस कार्यक्रम का न्यौता दिया।
1984 में हिसार जिला अदालत से जस्टिस सूर्यकांत ने अपनी वकालत की शुरुआत की थी और उस समय के उनके साथी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। सिर्फ अपने राज्य से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी वरिष्ठ वकिलों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया। जस्टिस सूर्यकांत संघर्ष के दिनों में उनका साथ देने वाले सभी लोगों का सार्वजनिक रूप से धन्यवाद करना चाहते थे इसी के चलते उन्होंने इस शपथ समारोह में उन सभी लोगों को आमंत्रित किया। पहली बार किसी भारतीय सीजेआई के शपथ समारोह में विदेशों के मुख्य न्यायाधीश और जज भी शामिल हुए थे। इसमें भूटान, श्रीलंका, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस और नेपाल जैसे देश शामिल थे।