Congress Session: कांग्रेस पार्टी की हालत गुजरात समेत 10 से 12 राज्यों में बहुत खस्ता है। गांधी और पटेल जैसे दिग्गज नेताओं की धरती पर कांग्रेस पार्टी सत्ता में पिछले तीन दशकों से नहीं है। क्या कांग्रेस गुजरात समेत राज्यों में अपनी खोई जमीन को वापस पाने को लेकर यहां कोई रणनीति बनाएगी, इस बारे में विस्तार से शादाब अहमद की रिपोर्ट पढ़िए।
Congress Party Session in Gujarat: कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन का विषय न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष रखकर भविष्य की रणनीति की ओर इशारा कर दिया है। यह अधिवेशन साबरमती नदी के तट पर होगा, जहां कांग्रेस महात्मा गांधी और सरदार पटेल को याद कर उनकी विचारों को आगे बढ़ाने पर मंथन करेगी।
कांग्रेस महासचिव संगठन के.सी.वेणुगोपाल ने बताया कि 8 अप्रैल को विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक पर होगी। इस वर्ष महात्मा गांधी के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की 100 वीं वर्षगांठ है। वहीं सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती है। दोनों ही गुजरात में जन्मे प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन में करीब 1725 लोग भाग लेंगे। इनमें निर्वाचित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और सह-चयनित सदस्य, सांसद, मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
मंगलवार को होने वाली विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में सीडब्ल्यूसी सदस्य, स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्य, पीसीसी अध्यक्ष, सीएलपी नेता, काउंसिल सदस्य, सीईसी सदस्य, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उपमुख्यमंत्री समेत कुछ नेता शामिल होंगे। यह करीब169 नेता होंगे।
दरअसल कांग्रेस का चुनावों में प्रदर्शन हिचकोले खाने वाला रहा है। अधिकांश चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। गुजरात के साथ उसके पडोसी राज्य मध्यप्रदेश में संगठन बुरी हालत में है। देश में कुल 4131 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास सिर्फ 648 विधायक है। वहीं करीब आधा दर्जन राज्यों की 631 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। वहीं गुजरात में 1995 से पार्टी सत्ता से बाहर है। यानी 1995 से अब तक बने मतदाताओं की एक पीढ़ी ने कांग्रेस की सरकार देखी ही नहीं है। ऐसे में इस वर्ग के लोगों को पार्टी को अपना साथ लाने के लिए नई सोच के साथ आगे बढऩे के लिए समर्पण के साथ संघर्ष जरूरी है।
दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम जैसे राज्यों में कांग्रेस का दायरा लगातार सिमटा है। इन 5 राज्यों की 631 सीटों पर कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।