दिल्ली में हुए धमाके के तार फरीदाबाद स्थित आतंकी समूह (मॉड्यूल) से जुड़ रहे हैं, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी महिला विंग की मुखिया मानी जा रही डॉक्टर शहीना शाहिद समेत सात लोगों को हमले से कुछ घंटे पहले गिरफ्तार किया गया था।
राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुए धमाके में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अभी भी घायल है। शाम करीब 6.52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास एक चलती हुई कार में अचानक यह ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल का इस्तेमाल कर के एक हुंडई आई 20 कार में ब्लास्ट किया गया था। सुरक्षा एजेंसिया मिल कर इस मामले की जांच कर रही है। इस धमाके के तार फरीदाबाद स्थित आंतकी समूह (मॉड्यूल) से जोड़े जा रहे है। इस समूह में शामिल 3 डॉक्टरों समेत 7 साथियों को दिल्ली हमले से कुछ घंटों पहले ही गिरफ्तार किया गया था। इस तीन डॉक्टरों में महिला डॉक्टर शाहीना शाहिद भी शामिल है, जिसके तार जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की खबर सामने आई है।
इस मॉड्यूल में शाहीन शाहिद के अलावा कुछ अन्य कश्मीरी डॉक्टर शामिल थे, जिनकी पहचान डॉ. आदिल अहमद राठेर और डॉ. मुजम्मिल शकील के रूप में हुई है। शकील के पास भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री (लगभग 300-350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट), असॉल्ट राइफलें (AK-47 जैसी), पिस्तौलें और गोला-बारूद बरामद हुआ था। शकील को सोमवार शाम को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था और उसके साथी अहमद राठेर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पकड़ा गया था।
बात की जाए शहीना शाहिद की तो वह शकील के साथ हरियाणा के फरीदाबाद में अल-फलाह अस्पताल में काम करती थी। उसकी कार से एक एके-47 और गोला-बारूद बरामद किए गए थे और उसे भी सोमवार शाम शकील के साथ गिरफ्तार किया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस की आतंकवाद-रोधी कार्रवाई के तहत इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसके कुछ ही घंटों बाद डॉक्टर मोहम्मद उमर नामक एक व्यक्ति ने दिल्ली में ब्लास्ट को अंजाम दिया। उमर को इस मॉड्यूल में शामिल चौथा डॉक्टर माना जा रहा है।
गिरफ्तार शहीना शाहिद के सीधे संबंध जैश-ए-मोहम्मद से माने जा रहे है। दावा किया जा रहा है कि शहीना भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की मुखिया है। वह भारत में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इस संगठन से जोड़ने के लिए काम करती थी। लखनऊ की रहने वाली शहीना की गिरफ्तारी से कई बड़े राज से पर्दा उठ सकता है। शहीना को कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले टेरर मॉड्यूल में संदिग्ध भूमिका के चलते अरेस्ट किया गया था। पुलिस ने बताया कि शहीना की गाड़ी में एक एके-47 मिली थी जिसे वह हर जगह अपने साथ लेकर जाती थी।
बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद वही आतंकी समूह है जिसने पुलवामा में हुए हमले को अंजाम दिया था। इस संगठन की स्थापना वैश्विक आंतकी घोसित हो चुके मसूद अजहर ने की है। फरवरी 2019 में जैश ने पुलवामा में हमला किया था, जिसमें 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे। इसके बाद अप्रैल 2025 में जैश ने पहलगाम में हमला कर आम नागरिकों को निशाना बनाया था। इस दौरान 26 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायु सेना ने एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश के प्रशिक्षण केंद्रों को नष्ट कर दिया था। वहीं पहलगाम हमले की जवाबी कार्रवाई में वायु सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय को तबाह कर दिया था। अजहर ने बहावलपुर हमले में अपने परिवार के 10 सदस्यों के मारे जाने की बात भी स्वीकार की थी। इस दौरान अजहर का बहनोई (जीजा) युसूफ अजहर भी मारा गया था, जो कि उसकी छोटी बहन सादिया अजहर का पति था।
इसके बाद से ही जैश फिर से अपने मुख्यालय स्थापित करने और अपने संगठन को मजबूत करने में जुटा हुआ है। खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के 'डीप-स्टेट' यानी वहां की खुफिया एजेंसियां और सरकार के भीतर के प्रभावशाली लोग पैसे और अन्य मदद के जरिए जैश को फिर से तैयार करने में अजहर की मदद कर रहे है। अगस्त महीने में खबर सामने आई थी की जैश ने पैसा इकट्ठा करने के लिए एक अभियान शुरु किया है और दुनिया को जन्नत बनाने के वादे के साथ नए लोगों को भर्ती कर रहा है।
संगठन को दुबार तैयार करने के तहत जैश के जमात उल-मुमिनात नामक एक महिला विंग शुरु करने की भी खबरें सामने आई थी। इस महिला विंग की जिम्मेदारी जैश की बहन सादिया और समायरा को दी गई थी। अजहर की बहने एक 40 मिनट की एक ऑनलाइन क्लास का आयोजन कर के इसके जरिए महिलाओं को अपने विचारों से प्रभावित करती है और उन्हें संगठन में भर्ती करती है। कुछ अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार, जैश ने अपनी बहनों को इस महिला विंग के जरिए मुख्य रूप से कमांडरों की पत्नियों और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों की महिलाओं को टारगेट करने के निर्देश दिए थे।