दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों में कक्षा 5वीं तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराने का निर्देश दिया है।
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति एक बार फिर गंभीर होती जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार ने नवंबर महीने में पहले GRAP-3 लागू किया था। हालांकि, AQI में थोड़े सुधार के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई थी, लेकिन अब राजधानी की हवा फिर से जहरीली हो गई है।
शनिवार शाम GRAP-3 लागू किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हालात और बिगड़ गए, जिसके चलते देर रात GRAP-4 लागू करने का फैसला लिया गया। GRAP-4 लागू होते ही दिल्ली सरकार ने स्कूलों को लेकर बड़ा आदेश जारी कर दिया है।
दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी स्कूलों में कक्षा 5वीं तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में कराने का निर्देश दिया है। इसके तहत छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों माध्यमों से पढ़ाई की सुविधा दी जाएगी। जिन स्कूलों और घरों में ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा आसानी से उपलब्ध है, उन्हें सरकारी आदेश के अनुसार सोमवार, 15 दिसंबर 2025 से हाइब्रिड मोड में पढ़ाई शुरू करनी होगी।
दिल्ली सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि यह आदेश फिलहाल केवल कक्षा 5वीं तक के छात्रों के लिए लागू होगा। छठी से 12वीं तक के छात्रों के लिए अभी कोई नया निर्देश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में अगला आदेश आने तक इन कक्षाओं के छात्रों को स्कूल जाना होगा। हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि 10वीं और 12वीं को छोड़कर अन्य कक्षाओं के लिए भी आने वाले दिनों में हाइब्रिड मोड या विंटर वेकेशन को लेकर फैसला लिया जा सकता है।
सरकारी सर्कुलर के अनुसार, हाइब्रिड मोड में पढ़ाई का यह आदेश दिल्ली के सभी स्कूलों में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। इसमें सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, प्राइवेट स्कूल, NDMC स्कूल, दिल्ली कैंट बोर्ड के स्कूल और MCD के स्कूल शामिल हैं। दिल्ली सरकार के अगले आदेश तक राजधानी के सभी स्कूलों में कक्षा 5वीं तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में ही जारी रहेगी। हेल्थ और एजुकेशन एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चों के लिए अगले कुछ दिनों तक ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करना ज्यादा सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
CPCB की हालिया रिपोर्ट और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) की सिफारिश पर शनिवार शाम से राजधानी में ग्रैप-4 (Grap-IV) लागू किया गया और इसके तहत सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) का निर्देश जारी किया गया है।