दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए आउटडोर गतिविधियों पर रोक लगा दी है और मास्क अनिवार्य कर दिया है, जबकि अभिभावक ऑनलाइन कक्षाओं की मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते प्रदूषण और घटती वायु गुणवत्ता को देखते हुए, स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कई आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बच्चों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अब स्कूलों में बाहरी (आउटडोर) गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है और भीतरी (इनडोर) शिक्षण वातावरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत, बच्चों के खेल के मैदानों में जाने पर रोक लगा दी गई है और सुबह की प्रार्थना सभाओं को भी रद्द कर दिया गया है। साथ ही, सभी बच्चों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है और स्वच्छ वायु क्लब जैसी गतिविधियां भी शुरू की गई हैं। सरकारी और निजी स्कूलों ने अपने स्तर पर ही बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
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अभिभावकों में भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर भारी चिंता देखने को मिल रही है। अभिभावक संघों ने सरकार से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का अनुरोध किया है। दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने इस बारे में बात करते हुए कहा, इस समय ऑनलाइन कक्षाएं अत्यंत आवश्यक हो गई हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदूषण के कारण बच्चे अस्वस्थ हो रहे हैं, और सभी छात्र मास्क नहीं पहनते, ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं अनिवार्य हो गई हैं। हालांकि, रविवार के बाद से हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार देखने को मिला है। रविवार को यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 366 था, जो सोमवार को घटकर 309 और मंगलवार को 291 दर्ज हुआ था। इसके बावजूद, हवा की गुणवत्ता में और सुधार की जरूरत है।
ITL पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. सुधा आचार्य ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, सबसे पहले, सावधानी के तौर पर, हमने माता-पिता के लिए एक सलाह जारी की थी। इसमें कहा गया था कि जिन बच्चों को अस्थमा या सांस से जुड़ी कोई भी समस्या है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए। इसके साथ ही, स्कूल ने सुबह की सभा, योग क्लास और बाकी बाहरी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि, अगर शारीरिक शिक्षा (पीटी) का पीरियड सुबह 10 या 10:30 बजे के बाद होता है, तो छात्रों को बाहर जाकर खेलने की अनुमति है। आचार्य ने आगे कहा, हमने टिकाऊ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को खूब सारा पानी पीने, सीएनजी वाली गाड़ियां इस्तेमाल करने के साथ-साथ कारपूलिंग (एक साथ मिलकर गाड़ी में जाना) करने या मेट्रो जैसे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की भी सलाह दी है।