जेपी नड्डा ने कहा कि 2004 से 2014 तक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, वाराणसी समेत कई शहरों में लगातार बम धमाके होते थे। लेकिन 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई, तो देशभर में एक निर्णायक बदलाव आया।
संसद के मानसून सत्र में बुधवार को राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री और नेता सदन जेपी नड्डा ने आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की नीति और कार्यशैली का जोरदार बचाव किया। उन्होंने बीते वर्षों में हुए आतंकी हमलों का हवाला देते हुए पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को कटघरे में खड़ा किया और दावा किया कि 2014 के बाद आतंकवाद पर करारी चोट पड़ी है। नड्डा ने कहा कि देश में आतंकी घटनाओं में 80 फीसदी तक कमी आई है और यह सरकार की सख्त नीतियों व मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम है।
जेपी नड्डा ने कहा कि 2004 से 2014 तक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, वाराणसी समेत कई शहरों में लगातार बम धमाके होते थे। लेकिन 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई, तो देशभर में एक निर्णायक बदलाव आया। उन्होंने कहा, 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश में कहीं भी बड़े आतंकी हमले नहीं हुए। पहले अमावस्या थी, अब पूर्णिमा का दौर है।
नड्डा ने साल 2016 के उरी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने 19 भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कोझिकोड से संदेश दिया था कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। नतीजतन, 28-29 सितंबर को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई और दुश्मन को करारा जवाब दिया गया।
इसी तरह, 2019 के पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए। इसके महज 11 दिन बाद भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान के अंदर 70 किलोमीटर भीतर आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया। नड्डा बोले कि पहले सरकारें डोजियर भेजती थीं, विचार करती थीं, और बिरयानी खिलाती थीं, लेकिन मोदी सरकार ने साफ कह दिया – गलती की है तो खामियाजा भुगतो।
जेपी नड्डा ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उस पर भारत की त्वरित कार्रवाई का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को हुए इस हमले के 13 दिन बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए 22 मिनट के भीतर आतंकियों को सबक सिखा दिया गया। भारतीय सेना ने जैश, लश्कर और हिजबुल के ठिकानों को तबाह किया, और पाकिस्तान के करीब 11 एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के जवाब में 1,000 से अधिक ड्रोन और मिसाइल भारत पर छोड़े, लेकिन भारतीय फौज की तत्परता और पराक्रम से एक भी नागरिक हताहत नहीं हुआ। इसके उलट भारत ने पाकिस्तान के कई हवाई ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें बंद होने पर मजबूर कर दिया।
नड्डा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2008 के जयपुर धमाके के बावजूद उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली की बात होती रही। उन्होंने 2005 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट, 2006 के मुंबई और वाराणसी धमाकों का हवाला देते हुए कहा कि तब भारत आतंकवाद, व्यापार और पर्यटन को एकसाथ चलने दे रहा था। वहीं मोदी सरकार ने आतंकवाद को निर्णायक जवाब देकर दुनिया को भारत की नई नीति का परिचय दिया।