
केरल नन गिरफ्तारी मामला: प्रियंका गांधी सड़कों पर (Photo-ANI)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में केरल के सांसदों ने छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में दो ननों की गिरफ़्तारी के विरोध में संसद में विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर नजर नहीं आए। थरूर एक दिन पहले इसी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन में शामिल थे, लेकिन आज नहीं दिखे। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस नेतृत्व के साथ थरूर के तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में उनकी अनुपस्थिति ने चर्चा का विषय बना दिया।
बता दें कि तिरुवनंतपुरम के सांसद मंगलवार को संसद परिसर में केरल के कांग्रेस सांसदों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में शामिल थे। भारत सभी का है, एक होने पर गर्व है लिखी एक तख्ती लिए हुए कांग्रेस नेता थरूर ने कल मीडिया से कहा कि नन निर्दोष हैं, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। देश में भीड़तंत्र नहीं होना चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है।
आज विरोध प्रदर्शन में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि ननों पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं जो वे नहीं कर रही थीं। उन्होंने मीडिया से कहा, छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और फिर उन्हें ले गई। हम अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमलों का विरोध कर रहे हैं।
आपको बता दें कि शशि थरूर बीते कुछ महीनों से कांग्रेस नेतृत्व के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। एक उत्कृष्ट वक्ता होने के बावजूद पूर्व राजनयिक ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए कांग्रेस की वक्ताओं की सूची में शामिल नहीं थे। कांग्रेस सूत्रों ने बताया है कि पार्टी ने बहस के दौरान बोलने के लिए थरूर से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी लाइन का पालन करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह पार्टी के संदेश के लिए अपनी बात का खंडन नहीं करेंगे।
छत्तीसगढ़ में केरल की ननों की गिरफ्तारी पर विहिप के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि दुर्ग स्टेशन पर दो नन तीन लड़कियों के साथ जा रही थीं, लोगों को शक हुआ, पुलिस को सूचना दी। पुलिस को पता चला कि मानव तस्करी हो रही थी, वे नाबालिग आदिवासी लड़कियां थीं, धर्म परिवर्तन का भी प्रयास हो रहा था। मामला दर्ज होते ही हिंदू विरोधी तंत्र सक्रिय हो गया, उन्हें बचाने के प्रयास शुरू हो गए। राहुल गांधी ने समर्थन में ट्वीट किया, कांग्रेस नेताओं ने संसद में भी विरोध किया। यह पहली बार नहीं हो रहा है, सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन मिशनरियों द्वारा किया जाता रहा है।
Published on:
30 Jul 2025 05:06 pm
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